इंदौर, मध्य प्रदेश – भोपाल में हाल ही में 1814 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स की बड़ी खेप मिलने के बाद इंदौर प्रशासन ने उच्चतम सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण मामले पर इंदौर कलेक्टर ने एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें शहर की सुरक्षा और ड्रग्स के व्यापार पर रोक लगाने के लिए आवश्यक रणनीतियों पर चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर ने विशेष रूप से पुलिस की स्पेशल विंग को निर्देशित किया कि वे ड्रग्स के संभावित रूट और वितरण नेटवर्क की गहन जांच करें। पुलिस विभाग को ड्रग्स की आपूर्ति के स्रोतों का पता लगाने और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है जो इस अवैध व्यापार में संलिप्त हो सकते हैं।
इंदौर कलेक्टर ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हमारे क्षेत्र में कोई भी अवैध गतिविधि न हो। हमें पुलिस विभाग के साथ मिलकर इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई करनी होगी ताकि नशीले पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके।”
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने ड्रग्स के रूट का विश्लेषण करने के लिए तकनीकी संसाधनों और सूचना के नेटवर्क का उपयोग करने पर सहमति जताई। इसके अलावा, पुलिस विभाग को स्थानीय समुदाय से सहयोग प्राप्त करने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी प्रेरित किया गया।
इस बीच, इंदौर पुलिस ने शहर में सुरक्षा उपायों को भी कड़ा कर दिया है। नाकाबंदी और गश्त बढ़ाने के साथ-साथ, पुलिस ने स्थानीय बाजारों और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास निगरानी रखने का निर्णय लिया है, जहां युवा वर्ग ड्रग्स के सेवन का शिकार हो सकता है।
इंदौर प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि नशीले पदार्थों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जो लोग ड्रग्स के व्यापार में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
इस संदर्भ में, स्थानीय निवासियों से भी अपील की गई है कि वे अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें। प्रशासन का उद्देश्य न केवल ड्रग्स के नेटवर्क को तोड़ना है, बल्कि युवाओं को इस प्रकार के नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक करना है।
इंदौर प्रशासन की यह सक्रियता दिखाती है कि वे ड्रग्स के खिलाफ गंभीर हैं और शहर की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, प्रशासन और पुलिस ने मिलकर प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया है ताकि इंदौर को एक सुरक्षित और स्वस्थ स्थान बनाया जा सके।