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इजरायली हमलों में बेरूत में 22 की मौत, 100 से अधिक घायल, हिज़बुल्लाह अधिकारी पर हत्या का प्रयास विफल

सांकेतिक तस्वीर

गुरुवार को इजरायली हवाई हमलों ने मध्य बेरूत को निशाना बनाया, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए, यह जानकारी लेबनानी अधिकारियों ने दी। यह हमले इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुए हैं। तीन सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की कि ये हमले एक वरिष्ठ हिज़बुल्लाह अधिकारी की हत्या के प्रयास का हिस्सा थे, लेकिन वह इस हमले से बच निकले।

इस घटना से लेबनान में तनाव और बढ़ गया है, जहां हिज़बुल्लाह की बड़ी उपस्थिति है। देश के दक्षिणी हिस्से में, इजरायली टैंक द्वारा संयुक्त राष्ट्र की मुख्य चौकी नकौरा में स्थित एक वॉचटावर पर गोलाबारी करने से दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र ने क्षेत्र में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है, यह कहते हुए कि इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण उनके कर्मियों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है।

इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच संघर्ष एक साल पहले तब फिर से शुरू हुआ था जब ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह ने गाजा युद्ध की शुरुआत में फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास का समर्थन करते हुए इजरायल पर हमला किया था। तब से, यह संघर्ष गाजा से परे फैल गया है, जिससे दक्षिणी लेबनान भी इस टकराव का केंद्र बन गया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन हिंसा जारी है, जिससे नागरिकों की मौत हो रही है और क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है।

हाल के ये हमले एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी को दर्शाते हैं, न केवल हताहतों की संख्या के मामले में, बल्कि संघर्ष के भौगोलिक विस्तार के रूप में भी, क्योंकि अब मध्य बेरूत भी सैन्य गतिविधियों का केंद्र बन गया है। एक तरफ, लेबनान पहले से ही वर्षों से राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं इस बढ़ते संघर्ष के कारण अब वहां मानवीय संकट और गहरा गया है।

इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच लगातार हो रही सैन्य कार्रवाई से व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष का खतरा मंडरा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों पक्षों से हिंसा को कम करने की अपील कर रहा है, ताकि और अधिक खून-खराबा रोका जा सके, लेकिन हर बीतते दिन के साथ शांति की संभावनाएं धूमिल होती जा रही हैं।

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