11 अक्टूबर 2024 को, भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वियंतियान में पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड की प्रधानमंत्री एच.ई. मिस पैटोंगटर्न शिनवात्रा के साथ पहली बार बैठक की। यह बैठक दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
बैठक का मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री को उनके पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी और इस अवसर पर थाईलैंड की नई सरकार के प्रति भारत की शुभकामनाएं प्रकट कीं। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श किया। उन्होंने उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर करीबी सहयोग स्थापित करने के तरीकों पर भी चर्चा की। इस संदर्भ में, उन्होंने बिम्सटेक (BIMSTEC) के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
भारत-थाईलैंड संबंध
भारत और थाईलैंड के बीच संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो इस वर्ष एक दशक पूरा कर रही है। इन संबंधों का महत्व भारत के इंदो-पैसिफिक दृष्टिकोण में भी है। भारत और थाईलैंड के बीच बढ़ते संपर्क केवल व्यापार और निवेश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और सुरक्षा सहयोग को भी शामिल करते हैं।
भविष्य की दिशा
बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-थाईलैंड संबंध न केवल द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने देशों की रणनीतियों का समन्वय करने का निर्णय लिया।
निष्कर्ष
यह बैठक भारत और थाईलैंड के बीच संबंधों को और अधिक गहरा करने का एक अवसर है। दोनों नेताओं की इस पहल से क्षेत्रीय सहयोग में वृद्धि और स्थायी विकास की दिशा में कदम उठाने की उम्मीद है। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और थाईलैंड की विकासात्मक प्राथमिकताओं के बीच सहयोग से दोनों देशों को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में व्यापक लाभ मिलने की संभावना है। यह बैठक भविष्य में दोनों देशों के बीच और अधिक सकारात्मक संवाद की संभावना को उजागर करती है।