महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार, 12 अक्टूबर, 2024 को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर नीलम नगर क्षेत्र में हुई।
इस दर्दनाक घटना के बाद मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने जांच अपने हाथों में ले ली है और हत्या के पीछे कई संभावित एंगल्स की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) प्रोजेक्ट से जुड़े विवाद जैसे कारणों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
दो आरोपी गिरफ्तार, एक की तलाश जारी
पुलिस ने मामले में महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए तीन में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों को घटना के 24 घंटे के भीतर पकड़ा गया, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए तकनीकी साधनों और निगरानी प्रणालियों का उपयोग कर रही है।
जांच से जुड़े सूत्रों का मानना है कि हत्या का कारण लंबे समय से चल रही व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता हो सकती है, विशेष रूप से एक बड़े SRA प्रोजेक्ट से जुड़े विवाद के कारण। बाबा सिद्दीकी, जो राजनीति के साथ-साथ रियल एस्टेट में भी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व थे, संभवतः इस प्रतिद्वंद्विता के शिकार हुए हैं।
राजनीतिक हलकों में शोक
बाबा सिद्दीकी की हत्या से महाराष्ट्र की राजनीति में गहरा सदमा लगा है। एनसीपी के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे पार्टी और सिद्दीकी के परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी, जो खुद भी राजनीति में सक्रिय हैं, ने फिलहाल कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
बाबा सिद्दीकी को उनके समाजसेवी कार्यों और बांद्रा के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता था। उनकी हत्या ने आम जनता में भी आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाएगी।
मुंबई में बढ़ती कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की घटनाएं
यह घटना मुंबई में व्यापारिक विवादों और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की बढ़ती घटनाओं की ओर एक बार फिर ध्यान खींचती है। खासकर रियल एस्टेट और स्लम पुनर्वास प्रोजेक्ट जैसे हाई-स्टेक क्षेत्रों में विवाद अकसर हिंसक रूप ले लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे इन प्रोजेक्ट्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, वैसे-वैसे खूनखराबे की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
मुंबई पुलिस ने क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए यह भी स्वीकार किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। फिलहाल, जांच जारी है और हर संभावित कारण की गहराई से जांच की जा रही है।
तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी की तलाश तेज हो गई है, और पूरा शहर इस मामले में और अधिक जानकारी के लिए प्रतीक्षा कर रहा है। यह घटना महाराष्ट्र की राजनीतिक परिदृश्य पर एक काला अध्याय जोड़ती है और सार्वजनिक व्यक्तित्वों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।