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टी जी टी, पी जी टी और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों की आवाज़

प्रयागराज में TGT-PGT और असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने मंगलवार को शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लगभग 1000 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। अभ्यर्थियों ने सरकार से विभिन्न मांगें की हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण TGT-PGT और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन पोर्टल को खोलने और परीक्षा तिथियों को तुरंत घोषित करने की है।

अभ्यर्थियों की मांगें

अभ्यर्थियों ने 2011 और 2016 में जीव विज्ञान और कला विषयों के बचे हुए साक्षात्कार कराने की मांग की है। इसके साथ ही, प्रतीक्षा सूची जारी करने और शिक्षा आयोग की नियमावली में धारा 12, 18 और 21 को पूर्व की भांति जोड़ने की भी अपील की गई है। इन मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ रही है, क्योंकि यह उनकी भविष्य की संभावनाओं से जुड़ा है।

क्यों हो रही है हीलाहवाली?

अनिल सिंह, जो युवा मंच के अध्यक्ष हैं, ने बताया कि विधानसभा में यह जानकारी दी गई थी कि एडेड माध्यमिक विद्यालयों में 25 हजार पद रिक्त हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी रिक्त पदों को भरने की घोषणा की थी। ऐसे में अगर इन 25 हजार पदों को विज्ञापन में शामिल नहीं किया जा रहा है, तो यह संदेह पैदा करता है कि कहीं इन एडेड विद्यालयों को भी परिषदीय विद्यालयों की तरह बंद करने की योजना तो नहीं है।

प्रदर्शन का असर

प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों के गुस्से को देखते हुए पुलिस बल को बढ़ा दिया गया। अनिल सिंह ने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों को गुमराह कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि “हमें ऐसा रामराज्य नहीं चाहिए, जहां हम बेरोजगार होकर टहलते रहें।” यह स्पष्ट है कि अभ्यर्थियों में आक्रोश की लहर है, और वे अपनी आवाज़ उठाने के लिए तैयार हैं।

निष्कर्ष

TGT-PGT और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं। सरकार को चाहिए कि वह इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करे और जल्द से जल्द उचित कदम उठाए, ताकि लाखों युवाओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

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