अहमदाबाद पुलिस ने सोमवार को एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ठगी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 18 लोगों को गिरफ्तार किया। इस गैंग ने भारत भर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी तरकीबों से 5000 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिसे चीन और ताइवान भेजा गया। इस गिरोह का संचालन गेमिंग ऐप, शेयर बाजार निवेश, और साइबर अपराध के माध्यम से किया जाता था। गिरफ्तार किए गए 18 आरोपियों में से 4 ताइवानी नागरिक हैं, जबकि बाकी 14 अहमदाबाद और वडोदरा के रहने वाले हैं।
देश भर में इस गिरोह के खिलाफ करीब 450 मामले दर्ज हैं। पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी खुद को सीबीआई और साइबर क्राइम अधिकारी बताकर लोगों को फंसाते थे। गिरोह के सदस्य प्रतिदिन लगभग 1.5 करोड़ रुपये ताइवान भेजते थे, हालांकि, माफिया का लक्ष्य रोज 10 करोड़ रुपये भेजने का था।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान गैंग के ठिकानों से 761 सिम कार्ड, 120 मोबाइल, 96 चेकबुक, 92 डेबिट कार्ड और 42 बैंक पासबुक बरामद किए हैं। एक चौकाने वाली घटना में अहमदाबाद के एक पॉश इलाके के बुजुर्ग दंपति को इस गिरोह ने 10 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर 79.34 लाख रुपये की ठगी की थी।
पुलिस की जांच में और खुलासे होते जा रहे हैं। गैंग के ताइवानी सदस्य टूरिस्ट वीजा पर दो बार भारत आ चुके थे। अब पुलिस इन विदेशी ठगों के भारतीय नेटवर्क की जांच कर रही है, ताकि इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट की पूरी जड़ तक पहुंचा जा सके।