नई दिल्ली: देश में बढ़ती आतंकी हमलों की धमकियों के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को वीआईपी सुरक्षा से पूरी तरह हटाने का आदेश जारी किया है। इसके तहत अब एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो उन नौ प्रमुख वीआईपी की सुरक्षा में तैनात नहीं रहेंगे जिन्हें अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यह बदलाव नवंबर से लागू होगा।
सूत्रों के अनुसार, जिन वीआईपी की सुरक्षा एनएसजी द्वारा की जा रही थी, उनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा प्रमुख मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। अब इन सभी की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ संभालेगा।
इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा से हटाए गए विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा विंग में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य देश की आतंरिक सुरक्षा में सुधार लाना और एनएसजी को अपनी मूल आतंकवाद रोधी जिम्मेदारियों पर केंद्रित करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एनएसजी का प्रमुख कार्य आतंकवाद का मुकाबला करना है, और इसे वीआईपी सुरक्षा से मुक्त करना एक रणनीतिक निर्णय है, जिससे यह बल भविष्य में आतंकवाद से संबंधित किसी भी स्थिति से निपटने में और अधिक प्रभावी हो सकेगा।