कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो विदेशी हस्तक्षेप के मामले में गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं, खासकर कनाडाई चुनावों में चीन की भूमिका को लेकर। विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी लगातार ट्रूडो पर हमला कर रही है और आरोप लगा रही है कि उन्होंने चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए चीन का सहारा लिया।
इस मामले में ट्रूडो ने जांच आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराए हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके पास कंजर्वेटिव पार्टी के उन सांसदों के नाम हैं, जो विदेशी हस्तक्षेप में शामिल हैं। ट्रूडो के इस बयान के बाद कंजर्वेटिव पार्टी का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने खुली चुनौती देते हुए कहा कि ट्रूडो उन नेताओं के नाम सार्वजनिक करें।
कंजर्वेटिव पार्टी का कहना है कि अगर ट्रूडो के पास ऐसे सांसदों के नाम हैं, तो उन्हें बिना देरी के जनता के सामने लाना चाहिए। इस मामले को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार पर पहले से ही भारत के साथ रिश्ते खराब करने के आरोप लगे हैं। विपक्ष का कहना है कि ट्रूडो भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं जबकि चुनावों में चीन द्वारा हस्तक्षेप पर चुप्पी साधे हुए हैं। कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख पियरे पोलीएवरे ने कहा कि ट्रूडो बेवजह आरोप लगाकर सुर्खियां बटोरना चाहते हैं।