जैसे-जैसे दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा है, सोने और चांदी की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है। शनिवार को सोने की कीमत में 500 रुपए की वृद्धि हुई, जिससे 10 ग्राम सोने की कीमत 80 हजार रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसी तरह, चांदी की कीमत में भी बड़ा उछाल देखा गया, जिसमें 3600 रुपए की वृद्धि के बाद 1 किलो चांदी की कीमत 98 हजार 500 रुपए तक पहुंच गई है।
बढ़ती मांग और निवेश का असर
भारत में त्योहारी सीजन के दौरान सोने और चांदी की मांग में इजाफा होना आम बात है, लेकिन इस बार कीमतों में उछाल का एक और कारण वैश्विक बाजार में हो रही अनिश्चितता है। जयपुर सर्राफा व्यापार संघ के प्रमुख पंकज सोनी के मुताबिक, सोने और चांदी में निवेश का रुझान बढ़ा है, जो कीमतों में तेजी का मुख्य कारण है। आने वाले दिनों में दीपावली और शादी-ब्याह के मौसम के चलते मांग और बढ़ने की उम्मीद है।
वैश्विक बाजार में अस्थिरता से दामों में वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता के कारण सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं की मांग में भारी इजाफा हुआ है। निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं, जिसके कारण इनकी कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं। वैश्विक आर्थिक स्थितियों और भूराजनीतिक तनाव के चलते भी सोने और चांदी में निवेश बढ़ा है।
दीपावली तक बढ़ सकते हैं दाम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी यहीं रुकने वाली नहीं है। दीपावली तक सोने की कीमत 82 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत एक लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। यह अनुमान त्योहारी सीजन में सोने-चांदी की खरीदारी में होने वाली वृद्धि के आधार पर लगाया गया है।
निवेशकों के लिए सुझाव
सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्द से जल्द अपनी योजनाएं बनाएं और बाजार पर नजर रखें। हालांकि, कीमतें ऊंचाई पर हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के लिए यह निवेश सुरक्षित रहेगा। दीपावली के बाद कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है, लेकिन फिलहाल तेजी का दौर जारी रहेगा।
निष्कर्ष
दीपावली से पहले सोने और चांदी की कीमतों में आई तेज वृद्धि ने निवेशकों और खरीदारों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यदि आप इस सीजन में निवेश करना चाहते हैं, तो समय पर कदम उठाना जरूरी है, क्योंकि त्योहारी सीजन के दौरान मांग और बढ़ने की पूरी संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी अस्थिरता और घरेलू मांग के चलते कीमतों में और इजाफा हो सकता है।