अभय सिंह
कौशांबी जिले के जिलाधिकारी मधुसूदन मुलगी ने सोमवार को जिले के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ स्कूलों में शैक्षिक गतिविधियाँ संतोषजनक दिखीं, जबकि कुछ स्थानों पर शिक्षकों की अनुपस्थिति और छात्रों की कम संख्या देखने को मिली, जिससे जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई।
उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरखास में शिक्षकों की अनुपस्थिति
जिलाधिकारी ने सबसे पहले उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरखास का दौरा किया। यहां प्रार्थना सभा हो रही थी, लेकिन 9 शिक्षकों में से 3 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इनमें प्रभारी प्रधानाध्यापक अनीता द्विवेदी, सहायक अध्यापक ऋषि कुमार दिवाकर और कमला देवी शामिल थीं, जो बिना स्वीकृत अवकाश के अनुपस्थित थे। वहीं, एक अन्य सहायक अध्यापक सुनीता केसरवानी नियत अवकाश (CL) पर थीं। विद्यालय में पंजीकृत 613 छात्रों में से केवल 235 छात्र उपस्थित थे, जो अपेक्षानुसार काफी कम था। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और अनुपस्थित शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
प्राथमिक विद्यालय यूसुफपुर में छात्रों की कम उपस्थिति
इसके बाद डीएम ने प्राथमिक विद्यालय यूसुफपुर का निरीक्षण किया, जहां 145 पंजीकृत छात्रों में से सिर्फ 91 छात्र उपस्थित पाए गए। इस विद्यालय में सहायक अध्यापक दुर्जन सिंह, अजय कुमार, बृजेश सिंह और शिक्षामित्र आयस अहमद अपनी ड्यूटी पर थे, जबकि सहायक अध्यापक प्रभाकर सिंह अवकाश पर थे। जिलाधिकारी ने स्कूल में छात्रों की कम उपस्थिति पर चिंता जताई और शिक्षा विभाग को छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी की सख्त हिदायत
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों के शिक्षकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे नियमित रूप से अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहें। उन्होंने छात्रों की कम उपस्थिति के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए स्कूल प्रशासन को छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों समय पर स्कूल पहुंचें और शैक्षिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
इस औचक निरीक्षण के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है, और अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। जिलाधिकारी के इस कदम से जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।