अनूप सिंह
गाजियाबाद के जिला न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई के दौरान जज और वकीलों के बीच गंभीर विवाद खड़ा हो गया, जिससे कोर्ट परिसर में तनावपूर्ण माहौल बन गया। वकील नाहर सिंह यादव और जिला जज अनिल कुमार के बीच एक मामले की जमानत अर्जी को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग पर बहस हुई, जो तेजी से बढ़ते हुए झगड़े में तब्दील हो गई।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब वकील नाहर सिंह यादव ने जमानत अर्जी को अन्य कोर्ट में स्थानांतरित करने की अपील की। वकीलों के अनुसार, जिला जज अनिल कुमार ने इस मांग पर आपत्ति जताई और उनका व्यवहार अपमानजनक हो गया। वकीलों ने आरोप लगाया कि जज का रवैया आक्रामक हो गया और बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने पुलिस बल और पीएसी को बुला लिया।
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की, जिसके दौरान वकीलों और पुलिस में टकराव हो गया। गुस्साए वकीलों ने पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के विरोध में कचहरी परिसर में तोड़फोड़ कर दी और पुलिस चौकी में आग लगा दी। वकीलों का दावा है कि पुलिस ने बिना कारण बल प्रयोग किया, जिससे कई वकील घायल हुए।
जज पर गंभीर आरोप, पुलिस प्रशासन की जांच जारी
वकीलों का कहना है कि जिला जज ने जानबूझकर दरवाजे बंद करवा दिए और पुलिस बल का सहारा लेकर वकीलों पर बल प्रयोग किया गया। इस झड़प में कई वकील घायल हो गए, जिनमें से एक के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव ने इस घटना को न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाला बताते हुए जिला जज के रवैये की निंदा की है।
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और जो भी इस विवाद में दोषी पाया जाएगा, उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह झगड़ा एक जमानत याचिका को लेकर हुआ था, जिसमें 9 आरोपियों की रेगुलर बेल पर सुनवाई की जा रही थी। पुलिस ने जज को सुरक्षित निकाला और विवाद को शांत करने का प्रयास किया।
फिलहाल कचहरी परिसर में पुलिस और पीएसी की भारी सुरक्षा तैनात कर दी गई है, और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।