ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि पिछले एक दशक में दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बदल गए हैं और इसके पीछे चार प्रमुख कारण हैं – भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, ऑस्ट्रेलियाई सरकार की सकारात्मक सोच, बदलते वैश्विक परिदृश्य, और भारतीय प्रवासी का योगदान।
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि एक दशक पहले ऑस्ट्रेलिया भारत के प्रमुख सहयोगियों में नहीं था, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि यह उनका पिछले तीन वर्षों में ऑस्ट्रेलिया का पांचवां दौरा है और पहली बार वे ऑस्ट्रेलिया आए थे तब वे भारत के विदेश सचिव थे। जयशंकर ने एक पुस्तक का भी उल्लेख किया, जिसे हाल ही में उन्होंने लॉन्च किया था और जिसमें भारत के सात प्रमुख मित्र देशों का जिक्र है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि यह पुस्तक दस साल पहले लिखी गई होती, तो संभवतः ऑस्ट्रेलिया इसमें शामिल न होता।
जयशंकर ने इस बदलाव के चार मुख्य कारण बताए। सबसे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, ऑस्ट्रेलियाई सरकार का समर्थन भी इस रिश्ते को नई ऊंचाइयों पर ले गया है। तीसरा कारण वैश्विक स्तर पर बदलती परिस्थितियाँ हैं, जिनके चलते भारत और ऑस्ट्रेलिया एक-दूसरे के निकट आए हैं। अंत में, भारतीय प्रवासी समुदाय ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
जयशंकर के अनुसार, इन चार कारकों ने मिलकर भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को एक नई दिशा दी है, और यह साझेदारी भविष्य में और मजबूत होगी।