अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के निर्णायक क्षणों में, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोमवार को पेन्सिलवेनिया में ताबड़तोड़ रैलियां कीं। दोनों ने अपने समर्थकों से वोट डालने की अपील की, खासकर उन राज्यों में जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। पेन्सिलवेनिया इस चुनावी जंग में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है, जिसका बड़ा इलेक्टोरल कॉलेज वोट अगले राष्ट्रपति के चुनाव को प्रभावित कर सकता है।
इस बार का चुनाव कई अप्रत्याशित घटनाओं से भरा रहा है। ट्रंप पर दो बार जानलेवा हमले हुए और एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी उन्होंने अपनी रैली जारी रखी। वहीं, 60 वर्षीय हैरिस ने अप्रत्याशित रूप से राष्ट्रपति जो बाइडेन की जगह ली, जो अपनी पार्टी के दबाव में पुनः चुनाव लड़ने से पीछे हट गए। बाइडेन के चुनाव से हटने के इस ऐतिहासिक फैसले ने डेमोक्रेटिक पार्टी में एक नया मोड़ ला दिया।
चुनाव से ठीक पहले जारी सर्वेक्षणों के अनुसार, ट्रंप (78) और हैरिस के बीच बेहद करीबी मुकाबला देखने को मिल रहा है। राजनीतिक एनालिटिक्स फर्म एडइम्पैक्ट के अनुसार, इस चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए मार्च से अब तक 2.6 अरब डॉलर से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। दोनों ही पार्टियों ने अंतिम समय तक वोटरों को अपने पक्ष में करने के प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
ट्रंप ने यह संकेत भी दिए हैं कि अगर परिणाम उनके पक्ष में नहीं आता है तो वे इसे चुनौती देने के लिए तैयार हैं, जैसा कि उन्होंने 2020 के चुनाव के बाद किया था। हालांकि दोनों उम्मीदवार पेन्सिलवेनिया में अपने समर्थकों को मतदान के लिए प्रेरित करते रहे, जिससे यह साफ है कि चुनाव का यह दौर अत्यधिक तनावपूर्ण और निर्णायक हो सकता है।
जहां चुनाव के नतीजे आने में कुछ दिन लग सकते हैं, पेन्सिलवेनिया के 20 इलेक्टोरल वोट इस चुनाव के परिणाम को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद के साथ, यह चुनाव अमेरिकी राजनीति के एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रहा है।