अमेरिकी हाउस सिलेक्ट कमेटी ऑन द स्ट्रैटेजिक कॉम्पिटिशन के चेयरमैन जॉन मूलनार (R-MI) और रैंकिंग मेंबर राजा कृष्णमूर्ति (D-IL) ने संयुक्त राज्य अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर प्रमुख सेमीकंडक्टर निर्माण उपकरण (SME) कंपनियों को उनके चीन के साथ व्यापारिक संबंधों पर पत्र भेजे हैं। इन पत्रों में इन कंपनियों के चीन के साथ बढ़ते व्यापार और उससे जुड़े संभावित जोखिमों पर चिंता व्यक्त की गई है।
इस जांच के दायरे में आने वाली कंपनियों में KLA, अप्लाइड मटेरियल्स, लैम रिसर्च, टोक्यो इलेक्ट्रॉन, और ASML जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। मूलनार और कृष्णमूर्ति ने अपने पत्रों में चिंता जताई है कि SME की चीन को बढ़ती बिक्री से चीन की सेना, पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), को उन्नत सेमीकंडक्टर तकनीक हासिल करने में मदद मिल सकती है, जो अमेरिका की रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर सकती है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि वर्तमान में चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ताइवान से संयुक्त रूप से अधिक सेमीकंडक्टर निर्माण उपकरण खरीद रहा है। यह स्थिति न केवल चीन की सैन्य गतिविधियों को समर्थन देने में सहायक हो सकती है, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चीन की महत्वाकांक्षाओं को भी आगे बढ़ा सकती है। अमेरिकी सांसदों का मानना है कि इस स्थिति के चलते चीन वैश्विक स्तर पर उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त कर सकता है, जिससे अमेरिका की रणनीतिक शक्ति को नुकसान पहुंच सकता है।
इसके अतिरिक्त, इन SME कंपनियों ने अमेरिकी निर्यात नियंत्रण नीतियों के कारण उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर भी अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं। अमेरिकी सांसदों ने इस पर भी गौर करते हुए SME कंपनियों से इस मुद्दे पर उनकी राय और उनके व्यापारिक निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया है।
इस कदम से स्पष्ट होता है कि अमेरिका चीन के बढ़ते तकनीकी और सैन्य प्रभाव को रोकने के लिए अपनी नीतियों को और कड़े बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि रणनीतिक क्षेत्रों में अमेरिकी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखी जा सके।