इंदौर के सरकारी स्कूल में छात्राओं की कथित रूप से निर्वस्त्र चेकिंग के मामले में बुधवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता में न्यायाधीश एसए धर्माधिकारी के साथ हुई इस सुनवाई में अदालत ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने इस मामले में 30 अगस्त 2024 को पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया था कि वे इस घटना में पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध बनता है या नहीं, इस पर उचित कार्रवाई कर जानकारी दें। हालांकि, इस आदेश के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई।
अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए बताया कि मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अदालत ने इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर को शोकॉज नोटिस जारी किया और एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र देकर मामले में की गई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को यह भी चेतावनी दी कि यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को निर्धारित की गई है, जिसमें पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के लिए भी कहा गया है।