नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गुरुवार को बेहद खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया, जिससे आम नागरिकों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। दिल्ली के 39 प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 32 ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को “गंभीर” श्रेणी में दर्ज किया है। इस विषाक्त हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो रहा है, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने सभी प्राइमरी स्कूलों (5वीं कक्षा तक) को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। अब बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचाना है।
इसके साथ ही, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने भी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। NCR के अंतर्गत हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान से आने वाले डीजल वाहनों पर दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ BS-4 मानकों वाले डीजल बसों को इस रोक से छूट दी गई है, ताकि परिवहन व्यवस्था पर अत्यधिक प्रभाव न पड़े।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ते प्रदूषण की स्थिति ने प्रशासन को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह संकट और भी गंभीर रूप ले सकता है। फिलहाल, नागरिकों से अपील की गई है कि वे मास्क पहनें, जितना संभव हो घर के अंदर रहें और जरूरी न हो तो बाहर निकलने से बचें।