कौशांबी जिले के करारी थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ 45 वर्षीय ईंट भट्ठा मजदूर कमलेश सरोज ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बैशकांटी गांव निवासी कमलेश लंबे समय से टीबी की बीमारी से पीड़ित थे और इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं जुटा पा रहे थे। आर्थिक तंगी और बीमारी के चलते वे मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान थे।
कमलेश की पत्नी सुरपति देवी के अनुसार, उनके पति इलाज का खर्च नहीं उठा पाने के कारण बेहद तनाव में थे। उन्होंने बताया कि भट्ठा मालिक से मदद की उम्मीद थी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इसके कारण परिवार की स्थिति और गंभीर हो गई थी। बच्चों की पढ़ाई और घरेलू खर्चों का बोझ भी कमलेश के कंधों पर था, जिससे वह निरंतर तनाव में रहते थे।
घटना वाले दिन कमलेश की पत्नी और बच्चे अपने-अपने कार्यों में व्यस्त थे। इसी बीच, कमलेश ने अकेलेपन का फायदा उठाकर साड़ी का फंदा बनाकर छत से लटककर आत्महत्या कर ली। इस घटना से परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है, और गांववाले भी इस घटना से आहत हैं।
सुरपति देवी ने बताया कि कमलेश की बीमारी बढ़ती जा रही थी, और आर्थिक तंगी के कारण उनका इलाज कराना असंभव हो गया था। उन्होंने यह भी बताया कि भट्ठे पर काम न कर पाने की स्थिति में मालिक की ओर से पूरे पैसे नहीं मिलते थे, जिससे परिवार के दैनिक खर्च पूरे नहीं हो पाते थे।
इस दुखद घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना गरीब और असहाय मजदूरों की कठिन परिस्थितियों का प्रतीक है, जिन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं और आर्थिक मदद के अभाव में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।