लखनऊ स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की आरओ/एआरओ परीक्षा पेपर लीक मामले के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई विशेष अदालत (PMLA), लखनऊ के आदेश पर की गई, जिसमें ईडी को इन आरोपियों की हिरासत दी गई थी।
मुख्य आरोपी और उनकी गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान रवि अत्री और सुभाष प्रकाश के रूप में हुई है। ईडी ने बताया कि इन दोनों व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की गई है।
ईडी द्वारा जांच की शुरुआत
ईडी ने इस मामले की जांच विभिन्न धाराओं के तहत शुरू की है, जिनमें भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 1998 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 शामिल हैं। यह जांच यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ/एआरओ परीक्षा पेपर लीक से जुड़े आरोपों पर आधारित है।
मामले की गंभीरता
पेपर लीक की घटनाओं ने न केवल सरकारी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि परीक्षार्थियों के भविष्य पर भी गहरा असर डाला है। ईडी की इस कार्रवाई का उद्देश्य इस भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को कानून के कटघरे में लाना और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाना है।
आगे की कार्रवाई
ईडी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच तेज कर दी है। मामले में अन्य संभावित आरोपियों और कड़ी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ईडी का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य दोषियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
निष्कर्ष
यह कार्रवाई परीक्षा प्रणाली में सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए ईडी और अन्य एजेंसियों की यह सख्त पहल परीक्षार्थियों और समाज के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है।