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भारत में आईटी उद्योग के विकास के लिए सरकारी योजनाएं और प्रयास

भारत सरकार देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के विस्तार और इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। छोटे और मझोले शहरों (टियर-2 और टियर-3) में आईटी उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इन प्रयासों के माध्यम से भारत आज एक वैश्विक आईटी हब के रूप में उभर रहा है।

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) योजना

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) योजना आईटी उद्योग के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इसके तहत देशभर में 65 सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 57 टियर-2 और टियर-3 शहरों जैसे भागलपुर, इंदौर, राउरकेला, मदुरै, और कोहिमा में हैं।

इस योजना की प्रमुख विशेषताएं:

1. इनक्यूबेशन सेंटर:
एसटीपी केंद्रों में इनक्यूबेटर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो नए उद्यमियों को अपने विचारों को स्टार्टअप में बदलने में मदद करती हैं। यहां वेंचर कैपिटलिस्ट्स, विशेषज्ञों और आईटी पेशेवरों के साथ परामर्श और नेटवर्किंग का अवसर मिलता है।

2. वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी):
विश्व की अग्रणी कंपनियां भारत में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) स्थापित कर रही हैं। भारत में वर्तमान में लगभग 1,800 जीसीसी कार्यरत हैं, जहां 19 लाख से अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इन केंद्रों में वाहनों के इंजन, सेमीकंडक्टर चिप्स और अन्य तकनीकी उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं।

3. उद्योग आधारित पाठ्यक्रम:
सरकार ने शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाने पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कुशल प्रतिभाओं का विकास किया जा सके।

भारत के आईटी उद्योग का प्रभाव

सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत न केवल एक तकनीकी हब बना है, बल्कि रोजगार सृजन और उद्यमिता को भी बढ़ावा दे रहा है। इन योजनाओं ने स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसर खोले हैं और छोटे शहरों में आईटी उद्योग के विकास को मजबूत किया है।

निष्कर्ष

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क योजना और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स जैसे कदम भारत को आत्मनिर्भर और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक साबित हो रहे हैं। इन प्रयासों से भारत का आईटी उद्योग न केवल घरेलू, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ रहा है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था और सशक्त हो रही है।

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