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भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने चीनी ताइपे को 16-0 से हराकर एशिया कप में रचा इतिहास

भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने मस्कट में खेले जा रहे जूनियर एशिया कप के पूल ए मैच में चीनी ताइपे के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 16-0 की ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी हर क्षेत्र में चीनी ताइपे पर भारी पड़े और टीम ने अपनी कौशल और रणनीति का प्रदर्शन करते हुए मैच को पूरी तरह से एकतरफा बना दिया।

दिलराज सिंह का धमाकेदार प्रदर्शन
इस शानदार जीत में दिलराज सिंह ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मैच के दौरान चार गोल (17′, 40′, 45′, 57′) कर अपनी काबिलियत साबित की। दिलराज का यह प्रदर्शन उनके हालिया सुल्तान ऑफ जोहोर कप में दिखाए गए खेल की याद दिलाता है, जहां वे टीम के मुख्य खिलाड़ियों में से एक थे।

डिफेंस की मजबूती और गोलकीपरों का शानदार प्रदर्शन
भारतीय डिफेंस ने भी अपने शानदार खेल से चीनी ताइपे को कोई मौका नहीं दिया। गोलकीपर बिक्रमजीत सिंह और प्रिंस दीप सिंह ने पूरे मैच में विपक्षी टीम के प्रयासों को विफल करते हुए एक भी गोल नहीं होने दिया, जिससे टीम का दबदबा और भी मजबूत हो गया।

शुरुआती बढ़त से हासिल किया आत्मविश्वास
मैच के सातवें मिनट में भारत को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे योगंबर रावत ने सटीकता से गोल में बदलकर टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई। यह गोल भारतीय टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और इसके बाद खिलाड़ियों ने आक्रमण जारी रखते हुए लगातार गोल किए। दूसरे क्वार्टर में टीम ने चार और गोल किए, जिससे मैच पूरी तरह से भारत के पक्ष में चला गया।

आक्रामकता और टीम वर्क का प्रदर्शन
भारतीय टीम की आक्रामकता और टीम वर्क इस मुकाबले में देखने लायक था। हर खिलाड़ी ने अपना योगदान दिया और चीनी ताइपे की टीम को संभलने का कोई मौका नहीं दिया। यह जीत न केवल भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि टूर्नामेंट में उनकी दावेदारी को भी मजबूत करती है।

आगे की चुनौती
भारतीय टीम ने इस जीत से यह साबित कर दिया है कि वे एशिया कप के दावेदार हैं। अब टीम के अगले मैचों पर सभी की नजरें हैं, जहां वे अपने प्रदर्शन को और ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश करेंगे।

इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय हॉकी के भविष्य के प्रति उम्मीदों को और प्रबल कर दिया है।

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