नई दिल्ली: व्यय विभाग ने लाभार्थियों और बाहरी सिस्टम के साथ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को जोड़ने की प्रक्रिया को निरंतर सुदृढ़ किया है। यह कदम नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र लोगों तक पहुंचाने में मददगार साबित हो रहा है।
वित्त मंत्रालय की वार्षिक समीक्षा 2024
वित्त मंत्रालय ने अपनी “फिनमिन ईयर रिव्यू 2024” पहल के तहत एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) के माध्यम से DBT डिजिटल इंडिया पहल को सशक्त बनाता है। PFMS केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालयों व विभागों के लिए इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और प्राप्ति को सक्षम बनाता है।
डिजिटल इंडिया में PFMS की भूमिका
वित्त मंत्रालय के अनुसार, IT-आधारित PFMS सिस्टम डिजिटल इंडिया पहल में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे लाभ प्रदान करता है। PFMS के जरिए की गई यह प्रक्रिया डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देती है और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
फंड ट्रैकिंग और “जस्ट इन टाइम” ट्रांसफर
DBT के तहत PFMS सिस्टम का उद्देश्य निधियों की पूर्ण ट्रैकिंग सुनिश्चित करना है। यह प्रक्रिया निधियों की रिलीज़ से लेकर लाभार्थी के बैंक खाते में क्रेडिट होने तक का पता लगाती है। इसके अलावा, “जस्ट इन टाइम” ट्रांसफर के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिले।
सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद
PFMS के माध्यम से DBT ने सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई है। लाभार्थियों को सीधे बैंक खातों में सहायता राशि पहुंचाने से न केवल भ्रष्टाचार में कमी आई है बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी तेज हुई हैं।
निष्कर्ष
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और PFMS के जरिए वित्त मंत्रालय की यह पहल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रणाली लाभार्थियों को पारदर्शी, तेज और निर्बाध तरीके से सरकारी सहायता प्रदान करने में सफल रही है, जो देश के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक है।