उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी में इतिहास के पन्नों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खोज सामने आई है। शनिवार शाम को प्राचीन बाबली कुएं की खुदाई के दौरान जमीन के नीचे एक सुरंग और प्राचीन इमारत का पता चला है। यह खोज न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि क्षेत्र के अतीत के बारे में नए सवाल खड़े करती है।
प्राचीन बाबली कुएं की खुदाई में मिले रहस्य
जिला प्रशासन ने दो जेसीबी मशीनों की सहायता से प्राचीन बाबली कुएं की खुदाई शुरू की। खुदाई के दौरान जमीन के नीचे प्राचीन इमारत के अवशेष मिले हैं। अधिकारियों को संदेह है कि वहां तहखाने भी हो सकते हैं। सुरंग के मिलने से संभावना जताई जा रही है कि यह किसी बड़े ऐतिहासिक ढांचे का हिस्सा हो सकता है।
भारतीय पुरातत्व विभाग का सर्वेक्षण
इससे पहले, भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम ने शनिवार सुबह चंदौसी के प्रसिद्ध कल्कि मंदिर का गहन सर्वेक्षण किया। टीम ने मंदिर के गुंबद और दीवारों की नक्काशी की तस्वीरें और वीडियो लिए। इसके अलावा, मंदिर परिसर में स्थित कृष्ण कूप का भी निरीक्षण किया गया।
दो दिनों से जारी है ASI की जांच
भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम का संभल में यह दूसरा दिन था। शुक्रवार को टीम ने गुपचुप तरीके से करीब नौ घंटे तक क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था। इस दौरान 5 तीर्थ स्थलों और 19 कुओं से नमूने इकट्ठा किए गए थे।
स्थानीय इतिहास और संभावनाएं
प्राचीन बाबली कुएं और सुरंग की यह खोज क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को और गहराई से समझने का अवसर प्रदान करती है। यदि यहां तहखाने और अन्य संरचनाओं का पता चलता है, तो यह भारत के मध्यकालीन इतिहास को नए सिरे से समझने में मददगार हो सकता है।
प्रशासन की तैयारी और आगे की प्रक्रिया
जिला प्रशासन ने इस ऐतिहासिक खोज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है। ASI की टीम आगे की खुदाई और अध्ययन के लिए योजना बना रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और महत्वपूर्ण खोज हो सकती हैं।
संभल के चंदौसी में प्राचीन अवशेषों का यह खुलासा क्षेत्र के इतिहास प्रेमियों और पुरातत्वविदों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में इस खोज से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।