भारतीय रेलवे ने महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। प्रयागराज में आयोजित इस भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन और बेहतर अनुभव के लिए रेलवे ने कई नई पहल की हैं। आइए जानते हैं, रेलवे द्वारा की गई व्यवस्थाओं और नवाचारों के बारे में।
137 कुंभ स्पेशल ट्रेनें
महाकुंभ के तीसरे दिन, भारतीय रेलवे ने श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाने के लिए 137 विशेष ट्रेनें चलाईं। इन ट्रेनों ने देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को कुंभ स्थल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, पहले दो दिनों में प्रयागराज में यात्रियों की संख्या 15.6 लाख से अधिक रही।
सैटेलाइट स्टेशन और नए प्लेटफॉर्म
भीड़ के दबाव को कम करने के लिए सूबेदारगंज स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। यह स्टेशन 2019 के कुंभ मेले में भी बड़ी संख्या में यात्रियों को संभाल चुका है। इसके साथ ही, प्रयागराज क्षेत्र में सात अतिरिक्त स्टेशनों को यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है और कुल 48 प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं।
रंग-कोडिंग और यात्री आश्रय
श्रद्धालुओं के लिए 17 नए स्थायी यात्री आश्रय बनाए गए हैं, जिससे प्रतीक्षारत यात्रियों की क्षमता बढ़कर 1,10,000 हो गई है। बेहतर आवागमन के लिए रेलवे ने पहली बार रंग-कोडिंग व्यवस्था लागू की है, जो यात्रियों को अपने प्रतीक्षालय तक आसानी से पहुंचने में मदद करती है।
बेहतर यात्री सुविधाएं
रेलवे ने स्टेशनों पर अतिरिक्त शौचालयों, पेयजल और भोजन की व्यवस्था की है। प्रतीक्षालय और लाउंज को उन्नत किया गया है। साथ ही, पहली बार प्रयागराज जंक्शन और छिवकी स्टेशन पर यात्री सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां यात्रियों को व्हीलचेयर, दवाइयां, शिशु आहार और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
सुरक्षा और निगरानी
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेलवे ने 5900 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। 764 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें 116 फेस रिकग्निशन सिस्टम भी शामिल हैं। यह तकनीक उपद्रवियों की पहचान और निगरानी में मददगार है। पहली बार ड्रोन कैमरों का उपयोग भीड़ प्रबंधन और ट्रैक की निगरानी के लिए किया जा रहा है।
रिंग रेल सेवाएं
प्रयागराज को अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों से जोड़ने के लिए रिंग रेल सेवा शुरू की गई है। इस सेवा के अंतर्गत चार अलग-अलग रूटों पर 560 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
विशेष ट्रेनें और विस्तारित सेवा
रेलवे का महाकुंभ 2025 के दौरान 13,100 से अधिक ट्रेनों के संचालन का लक्ष्य है। इनमें 10,000 नियमित और 3,100 विशेष ट्रेनें शामिल हैं। विशेष ट्रेनों की संख्या पिछले कुंभ की तुलना में 4.5 गुना अधिक है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 के लिए भारतीय रेलवे की यह विस्तृत योजना श्रद्धालुओं के अनुभव को सुखद और सुगम बनाने में मील का पत्थर साबित हो रही है। सुरक्षा, सुविधा और आधुनिक तकनीकों का समायोजन इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल देश बल्कि दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सराहनीय प्रयास है।