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विश्व रेडियो दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

Anoop singh

नई दिल्ली, 13 फरवरी 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने रेडियो को एक प्रभावी और महत्वपूर्ण संचार माध्यम बताते हुए कहा कि यह सूचना, प्रेरणा और संवाद का एक सशक्त जरिया है।

रेडियो: संवाद और संस्कृति का माध्यम

रेडियो एक ऐसा संचार माध्यम है, जो दशकों से लोगों को जोड़ता आ रहा है। यह केवल समाचार और जानकारी का जरिया ही नहीं, बल्कि संगीत, संस्कृति और कहानियों के माध्यम से लोगों को प्रेरित और मनोरंजन भी करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो की इस भूमिका को सराहते हुए कहा कि यह रचनात्मकता का प्रतीक है और लोगों को जोड़ने का सशक्त माध्यम है।

मन की बात के लिए आमंत्रण

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में नागरिकों को इस महीने की ‘मन की बात’ के लिए अपने विचार और सुझाव साझा करने के लिए भी आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम का प्रसारण 23 फरवरी को होगा। उन्होंने सभी देशवासियों से इसमें भाग लेने की अपील की और इसे जनता के विचारों से समृद्ध बनाने का आग्रह किया।

विश्व रेडियो दिवस का महत्व

हर साल 13 फरवरी को ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन रेडियो की महत्ता को दर्शाने और इसके सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 2011 में इसकी शुरुआत की थी, जिसे 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता दी गई।

रेडियो केवल एक संचार माध्यम नहीं, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी यह एक जीवन रक्षक साधन के रूप में काम करता है। यह ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों तक सूचना पहुँचाने का सबसे प्रभावी जरिया है। विशेष रूप से भारत जैसे विशाल देश में, जहाँ भाषाई और सांस्कृतिक विविधता है, रेडियो समाज को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत में रेडियो का विकास

भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1927 में हुई थी, जब मुंबई और कोलकाता में ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ ने अपने पहले रेडियो स्टेशन स्थापित किए। इसके बाद 1936 में ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (आकाशवाणी) का गठन हुआ, जिसने देश में रेडियो प्रसारण को एक नई दिशा दी।

समय के साथ, रेडियो ने डिजिटल युग में भी अपनी जगह बनाई है। इंटरनेट रेडियो, पॉडकास्टिंग और मोबाइल रेडियो के माध्यम से यह पहले से कहीं अधिक व्यापक और प्रभावी हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘मन की बात’ कार्यक्रम भी रेडियो के प्रभाव को दर्शाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो करोड़ों लोगों तक सीधे सरकार की नीतियों और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी चर्चाएँ पहुँचाता है।

रेडियो जगत से जुड़े लोगों को बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को इस अवसर पर बधाई दी और कहा कि वे समाज में जागरूकता फैलाने, प्रेरणा देने और संवाद स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी व्यक्तियों के योगदान की सराहना की।

निष्कर्ष

विश्व रेडियो दिवस हमें यह याद दिलाता है कि रेडियो केवल एक तकनीकी माध्यम नहीं, बल्कि यह लोगों की भावनाओं, संस्कृतियों और विचारों को जोड़ने वाला पुल भी है। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश के अनुसार, रेडियो की ताकत उसकी सरलता और व्यापक पहुँच में निहित है। यह न केवल अतीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, बल्कि वर्तमान और भविष्य में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखेगा।

रेडियो के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे और अधिक प्रभावी बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस विश्व रेडियो दिवस पर, हमें इसके महत्व को समझते हुए इसे सशक्त बनाने का संकल्प लेना चाहिए।

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