नई दिल्ली, 17 अगस्त, 2024
स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक रेजिडेंट क्रोकर से जुड़ी हाल की घटना के बाद कई उपायों की घोषणा की है। इस घटना ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है।
मेडिकल एसोसिएशनों के साथ बैठक
बढ़ती चिंताओं के जवाब में, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट क्रोकर्स एसोसिएशन (FORDA), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), और दिल्ली के रंगीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के रेजिडेंट क्रोकर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित दबाव वाले मुद्दों को संबोधित करना था, जो अपने पेशेवर परिवेश में अतिरिक्त नुकसान और चुनौतियों का सामना करते हैं। संघों ने मांगों की एक व्यापक सूची प्रस्तुत की, जिसमें स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपायों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया गया। उन्होंने हिंसा की बढ़ती घटनाओं और चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा झेली जा रही सामान्य अस्थिरता पर जोर दिया, जो हाल की घटनाओं से और बढ़ गई है।
सरकार की प्रतिबद्धता और प्रस्तावित उपाय
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रतिनिधियों को इन उद्यमों को संबोधित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। मंत्रालय ने स्थिति की कठोरता को स्वीकार किया और स्वास्थ्य सेवा समुदाय की मांगों के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त की। यह नोट किया गया कि देश भर के 26 देशों ने पहले ही स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को कवर करने के लिए कानून लागू किया है। फिर भी, मंत्रालय ने माना कि व्यापक सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए आगे की आवश्यकताओं को पूरा किया जाना है। इस उद्देश्य के लिए, मंत्रालय ने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए रणनीतियों को विकसित करने और सिफारिश करने के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना करने का फैसला किया है। इस आयोग में राज्य सरकारों, चिकित्सा संघों और अन्य संबंधित पक्षों सहित रंगीन हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बात एक मजबूत ढांचा तैयार करने की है जो स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों के सामने आने वाली विशिष्ट आवश्यकताओं और चुनौतियों को संबोधित करे।
ड्यूटी फिर से शुरू करने का आह्वान
चल रहे आंदोलन और स्वास्थ्य सेवाओं पर इसके प्रभाव के मद्देनजर, मंत्रालय ने विरोध करने वाले लोगों से अपने कर्तव्यों को नवीनीकृत करने की अपील की है। मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया, खासकर डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों के साथ। काम पर लौटने का आह्वान स्वास्थ्य सेवाओं में चल रही अव्यवस्थाओं के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिवादों के बारे में सरकार की चिंता को दर्शाता है।
व्यापक प्रतिवाद
इस आयोग का गठन स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए काम करने की स्थिति और सुरक्षा मानदंडों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय का दूरदर्शी दृष्टिकोण चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा निभाई गई आवश्यक भूमिका और एक विश्वसनीय और सुरक्षित कार्य क्षेत्र की आवश्यकता की व्यापक मान्यता को दर्शाता है। इस कार्रवाई में सभी लागू हितधारकों से व्यापक परामर्श और इनपुट शामिल होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बताए गए उपाय व्यावहारिक और प्रभावी हैं। इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता स्वास्थ्य सेवा संरचना को बढ़ाने और चिकित्सा पेशेवरों की भलाई को बेहतर बनाने के अपने व्यापक उद्देश्यों के साथ संरेखित है।
आगे की ओर देखना
स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा उद्यमों को संबोधित करने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य के अग्रणी लोगों को सुरक्षित करने के महत्व को रेखांकित करता है। नया आयोग नवजात शिशुओं के लिए कार्यक्रमों को आकार देने और यह सुनिश्चित करने में आवश्यक होगा कि स्वास्थ्यकर्मी हिंसा या धमकी के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। प्रेस सूचना ब्यूरो इस कार्रवाई की प्रगति और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा से संबंधित किसी भी आगे के घटनाक्रम पर अपडेट देना जारी रखेगा। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया स्वास्थ्य सेवा मानदंडों को पूर्ण करने और स्वास्थ्य प्रणाली के अभिन्न अंग लोगों के कल्याण का समर्थन करने के प्रति उसकी निष्ठा को दर्शाती है।