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हरिद्वार: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र, गंगा नदी का पवित्र संगम और हिंदू धर्म में विशेष महत्व

अनुपम यादव [ रिपोर्टर प्रयागराज ]

हरिद्वार, उत्तराखंड का वह पवित्र नगर है जहाँ आस्था, संस्कृति और धर्म का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यह स्थान हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर गंगा नदी के पवित्र जल के कारण। हरिद्वार का नाम ही “हरि का द्वार” से निकला है, जिसका अर्थ है भगवान का द्वार। यहां आकर हर श्रद्धालु को ऐसा अनुभव होता है मानो वे साक्षात् मोक्ष के द्वार पर आ पहुंचे हों।

हरिद्वार का सबसे बड़ा आकर्षण गंगा नदी है, जिसे हिंदू धर्म में माँ का दर्जा प्राप्त है। यहाँ गंगा अपने समर्पित रूप में बहती हैं, और इसी कारण हरिद्वार को गंगा का पवित्र द्वार भी कहा जाता है। कहा जाता है कि गंगा के एक डुबकी से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ गंगा स्नान करने आते हैं, विशेषकर कुंभ और अर्द्धकुंभ के दौरान, जब आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

गंगा आरती हरिद्वार की एक अनूठी विशेषता है। हर शाम हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, जब गंगा की आरती का भव्य आयोजन होता है। दीपों की रोशनी, घंटों की आवाज़, और भक्तों के मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठता है। यह आरती एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करती है, जिसे देखने मात्र से ही भक्तों के हृदय में भक्ति और श्रद्धा का संचार हो जाता है।

हरिद्वार न केवल गंगा नदी के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि यह प्राचीन मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों का भी केंद्र है। यहाँ के माया देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, और मनसा देवी मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। ये मंदिर हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय हैं और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख स्थल हैं।

इसके अलावा, हरिद्वार में विभिन्न आश्रम भी हैं जहाँ देश-विदेश से लोग ध्यान, योग और आध्यात्मिक साधना के लिए आते हैं। स्वामी विवेकानंद, महर्षि महेश योगी, और अन्य महान संतों की साधना स्थली होने के कारण भी हरिद्वार का महत्व और बढ़ जाता है।

हरिद्वार की संस्कृति और यहाँ के धार्मिक अनुष्ठान भारतीय सनातन संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। यहाँ की जीवनशैली, परंपराएँ और रीति-रिवाज हिंदू धर्म के गहरे मूल्य और आदर्शों को प्रकट करते हैं। यहाँ का हर निवासी गंगा की पवित्रता का संरक्षण करने के प्रति सजग रहता है और गंगा को माँ का दर्जा देकर उसकी पूजा करता है।

हिंदू धर्म में हरिद्वार का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक भी है। यह स्थान वह है जहाँ धर्म, संस्कृति और आस्था का मिलन होता है, और यहाँ आकर हर श्रद्धालु को आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति का अनुभव होता है। हरिद्वार के इस पावन स्थल पर आकर गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना, यहाँ के मंदिरों में पूजा-अर्चना करना, और आध्यात्मिक साधना करना हर हिंदू के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हरिद्वार की पवित्रता, यहाँ की संस्कृति और गंगा के प्रति श्रद्धालुओं की अपार भक्ति इस नगर को न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है, बल्कि यह स्थान हिंदू धर्म की धरोहर के रूप में सदैव पूजनीय रहेगा।

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