भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन, जब श्री सतीश कुमार ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में आज पदभार संभाला। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने हाल ही में उनके इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
श्री सतीश कुमार भारतीय रेलवे सेवा के 1986 बैच के एक सम्मानित अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले 34 वर्षों में रेलवे के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में रेलवे ने कई महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार देखे हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी), जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की है और इसके साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनयू) से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है।
श्री सतीश कुमार ने भारतीय रेलवे में मार्च 1988 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उनके शुरुआती पदस्थापनों में झांसी मंडल और डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (डीएलडब्ल्यू), वाराणसी शामिल हैं, जहाँ उन्होंने लोकोमोटिव इंजीनियरिंग और रखरखाव में अपनी विशेषज्ञता हासिल की। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर और पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स में भी सेवा दी, जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया जो रेलवे के संचालन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए।
श्री कुमार का करियर टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) के प्रति उनके समर्पण के लिए जाना जाता है। 1996 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के तहत टीक्यूएम में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण ने रेलवे प्रबंधन में उनकी दृष्टिकोण को आकार दिया, जिसमें निरंतर सुधार और उच्चतम गुणवत्ता मानकों के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।
श्री सतीश कुमार की एक उल्लेखनीय उपलब्धि उनके द्वारा विकसित की गई कोहरा सुरक्षा डिवाइस (Fog Safe Device) है, जो कोहरे के दौरान ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाने में अत्यंत प्रभावी साबित हुई है। यह उपकरण अब भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, जो विशेष रूप से उत्तरी भारत के क्षेत्रों में सर्दियों के महीनों के दौरान दृश्यता में कमी के खतरों को कम करने में मदद करता है।
2017 से 2019 के बीच, श्री कुमार ने लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के रूप में सेवा दी। उनके नेतृत्व में, मंडल में कई बुनियादी ढांचे का विकास हुआ, जिससे रेलवे नेटवर्क को मजबूती मिली। 2019 में कुम्भ मेला के दौरान उनके नेतृत्व में रेलवे सेवाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया गया, जिसके लिए उन्हें संगठन के सभी स्तरों पर सराहा गया।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में नियुक्ति से पहले, श्री कुमार ने उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी सेवा दी। इस भूमिका में, उन्होंने रेलवे संचालन में पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित किया।
उनके उत्कृष्ट अनुभव और भारतीय रेलवे में योगदान के चलते, उन्हें हाल ही में सदस्य (प्रोपल्शन एवं रोलिंग स्टॉक) के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया। अब, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में, श्री सतीश कुमार भारतीय रेलवे के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उनके नेतृत्व में, भारतीय रेलवे में यात्री सेवाओं, सुरक्षा, और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।
इस महत्वपूर्ण पद पर उनकी नियुक्ति ने भारतीय रेलवे में एक नए युग की शुरुआत की है, जिसमें उनकी दूरदृष्टि, विशेषज्ञता, और नेतृत्व रेलवे को और अधिक प्रभावी ढंग से सेवा देने में सक्षम बनाएंगे।