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भारत और ब्रुनेई के बीच ऐतिहासिक मुलाकात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रुनेई यात्रा

4 सितंबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रुनेई का एक ऐतिहासिक दौरा किया, जो किसी भारतीय सरकार प्रमुख की इस देश में पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के बीच यह महत्वपूर्ण मुलाकात बंदर सेरी बेगावान के इस्ताना नुरुल इमान महल में हुई, जहां सुल्तान ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, विशेष रूप से ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत, जो इस वर्ष अपने दसवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। इस मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को “विस्तारित साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया, जो दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खोलने के प्रति उनकी मजबूत इच्छा को दर्शाता है।

सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र

प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान हसनल बोल्किया के बीच बातचीत में रक्षा, व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), फिनटेक, साइबर सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने क्षमता निर्माण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की।

क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श

द्विपक्षीय मामलों के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान हसनल बोल्किया ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और इसे समाप्त करने के लिए सभी देशों से सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। बातचीत में ASEAN-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत मिलकर काम करने के महत्व को भी रेखांकित किया गया, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिले।

प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर

इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू उपग्रहों और प्रक्षेपण वाहनों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशनों के संचालन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर और उसका आदान-प्रदान था। यह समझौता भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ब्रुनेई के परिवहन और सूचना संचार मंत्री HE पेंगिरन दातो शम्हरी पेंगिरन दातो मुस्तफा के बीच हुआ, जो दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अलावा, बंदर सेरी बेगावान और चेन्नई के बीच सीधी उड़ानों की आगामी शुरुआत की भी घोषणा की गई, जिससे भारत और ब्रुनेई के बीच पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

ASEAN-भारत संबंधों को मजबूती

दोनों नेताओं ने ASEAN-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। सुल्तान हसनल बोल्किया ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ब्रुनेई के प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की सराहना की, जो क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भविष्य की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी की यह ब्रुनेई यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सुल्तान हसनल बोल्किया को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिससे भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। यह ऐतिहासिक यात्रा न केवल भारत-ब्रुनेई संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसकी रणनीतिक भागीदारी के व्यापक दृष्टिकोण को भी मजबूती प्रदान करती है।

इस यात्रा के समापन के साथ, यह दोनों देशों के लिए राजनयिक परिदृश्य में एक स्थायी प्रभाव छोड़ती है, जिसमें सहयोग को बढ़ाने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सतत विकास की दिशा में मिलकर काम करने का वादा किया गया है।

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