अमेरिकी राजनीति में कमला हैरिस की रैलियों में उमड़ती भीड़ ने डोनाल्ड ट्रंप की चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप ने दावा किया है कि उनकी रैलियों में आने वाली भीड़, हैरिस की तुलना में काफी बड़ी होती है। इस पर हैरिस के प्रचार अभियान ने भी तीखे जवाब देते हुए अपनी ताकत दिखाई है, जिससे दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया है।
हाल ही में आयोजित दोनों नेताओं की छह रैलियों का विश्लेषण करने पर कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। कमला हैरिस की रैलियों में विविधतापूर्ण और युवा समर्थकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिली है। उनके नीतिगत मुद्दों, जैसे सामाजिक न्याय और समता, ने शहरी इलाकों में काफी समर्थन जुटाया है। खासकर युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप की रैलियों में उनके पुराने वफादार समर्थकों का भारी समर्थन अब भी कायम है। ट्रंप की रैलियों में “अमेरिका को फिर से महान बनाने” का नारा गूंजता रहता है, और उनके संदेश राष्ट्रवाद और मजबूत अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहते हैं। ग्रामीण और छोटे शहरों में ट्रंप की लोकप्रियता अब भी मजबूत है, और उनकी रैलियों में भीड़ को देखकर यह साफ है कि उनका आधार मजबूत बना हुआ है।
दोनों नेताओं के रैली आकार के दावे अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है—यह चुनावी मुकाबला केवल नीतियों का नहीं, बल्कि जन समर्थन का भी है। इस तरह की भीड़ के पीछे छिपी ऊर्जा यह संकेत देती है कि आने वाले चुनावों में यह मुकाबला और भी दिलचस्प होगा।
जबकि ट्रंप और हैरिस दोनों ही अपनी-अपनी रैलियों में भीड़ के आकार पर जोर दे रहे हैं, असली परीक्षा चुनावी मैदान में होगी, जहां यह देखा जाएगा कि किसकी भीड़ वोटों में बदलती है।