प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत खेलों में उत्कृष्टता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसकी झलक 8 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (OCA) की 44वीं महासभा में दिखी, जहां केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देश की प्रमुख खेल पहलों को प्रस्तुत किया। इस महासभा में 45 एशियाई देशों के प्रतिनिधियों के साथ भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती पी.टी. उषा भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन के दौरान, डॉ. मांडविया ने जमीनी स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे खेलो इंडिया, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS), और अस्मिता का उल्लेख किया।
भारत की प्रमुख खेल विकास योजनाएँ
- खेलो इंडिया
खेलो इंडिया पहल का उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें विकसित करने में मदद करना है। इस योजना के लिए प्रति वर्ष 119 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बजट आवंटित किया गया है, जिसके तहत 2,700 से अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, खेलो इंडिया ने 1,050 से अधिक जिला स्तरीय केंद्र स्थापित किए हैं, जो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, आवास, पोषण, शिक्षा और भत्ते जैसी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। ये केंद्र एक मजबूत खेल अवसंरचना तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। - टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS)
TOPS का उद्देश्य खिलाड़ियों को ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने में सहायता करना है। डॉ. मांडविया ने बताया कि 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 117 खिलाड़ियों में से 28 खेलो इंडिया पहल के एथलीट हैं। इसी प्रकार, 18 खेलो इंडिया पैरा-एथलीटों ने पेरिस पैरा-ओलंपिक 2024 में अब तक 29 पदक जीतकर भारत के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। - अस्मिता
अस्मिता कार्यक्रम का उद्देश्य खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और खेलों में लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना है। यह पहल 18 खेल विधाओं में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है और देश में खेलों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
खेलों में सरकारी निवेश
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में खेल बजट में भारी वृद्धि हुई है। 2014-15 में जहां यह बजट लगभग 143 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, वहीं आज यह 417 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। इस वित्तीय वृद्धि के कारण भारत ने एशियाई खेलों में 107 और एशियाई पैरा खेलों में 111 पदक जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है, जो भारत के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
निष्कर्ष और भविष्य की दिशा
अपने समापन भाषण में, डॉ. मांडविया ने ओलंपिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि देश आने वाले समय में एथलीटों को सशक्त बनाने, खेल अवसंरचना को विकसित करने और नई पीढ़ियों को प्रेरित करने के प्रयास जारी रखेगा। ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया की 44वीं महासभा की मेजबानी भारत के लिए सम्मान की बात है और यह देश के खेल क्षेत्र में बढ़ती प्रगति को दर्शाता है।
जैसे-जैसे भारत का खेल परिदृश्य आगे बढ़ रहा है, खेलो इंडिया, TOPS और अस्मिता जैसी योजनाएँ खेल प्रतिभाओं को विकसित करने, खिलाड़ियों को समर्थन देने और खेलों में समावेशिता और उत्कृष्टता के मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।