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कोयला पीएसयू की सीएसआर गतिविधियों की मध्य वर्ष समीक्षा: प्रगति और भविष्य की दिशा

9 सितंबर, 2024 को, कोयला मंत्रालय ने कोयला सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों की मध्य वर्ष समीक्षा बैठक आयोजित की। यह बैठक नई दिल्ली स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स में आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव, श्रीमती रूपिंदर बराड़ ने की। बैठक में कोयला मंत्रालय के अन्य अधिकारियों, कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) और विभिन्न कोयला पीएसयू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

समीक्षा का मुख्य उद्देश्य

बैठक का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पर्यावरण, कौशल विकास और आजीविका जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रही सीएसआर परियोजनाओं का मूल्यांकन करना था। ये क्षेत्र कोयला खनन क्षेत्रों के निकट रहने वाले समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मंत्रालय ने जोर दिया कि सीएसआर गतिविधियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप होना चाहिए और विशेष रूप से कमजोर आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता में मापनीय सुधार लाना चाहिए।

सीएसआर क्रियान्वयन में तेजी लाने पर जोर

श्रीमती रूपिंदर बराड़ ने जोर देकर कहा कि सीएसआर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि लक्षित समुदायों तक ठोस लाभ पहुंच सके। स्वास्थ्य शिविर, शैक्षिक कार्यक्रमों और पर्यावरणीय परियोजनाओं सहित कई चल रही पहलों पर चर्चा की गई। मंत्रालय ने समय पर निष्पादन और इन पहलों की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और मूल्यांकन की आवश्यकता दोहराई।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर विशेष ध्यान

बैठक में 17 सितंबर, 2024 को होने वाले आगामी विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर भी चर्चा हुई। कोयला पीएसयू ने इस वैश्विक पहल में योगदान देने के नए तरीके खोजे, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कोयला खनन होता है। रोगी सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए स्वास्थ्य शिविर, सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम और स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों के साथ साझेदारी की योजनाएं बनाई गईं, जिनका उद्देश्य इन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना है।

कौशल विकास और रोजगार सृजन पर जोर

मंत्रालय ने स्थानीय समुदायों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए बहु-कौशल विकास संस्थानों की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया। ये संस्थान युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य कोयला खनन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर रोजगार अवसर और दीर्घकालिक करियर संभावनाएं पैदा करना है, जिससे सतत विकास को बढ़ावा मिल सके।

सीएसआर रिपोर्टिंग प्रक्रिया का सरलीकरण

मंत्रालय ने डीपीई पोर्टल पर सीएसआर की निगरानी प्रारूप को अद्यतन करने की योजना की भी घोषणा की। एक मानकीकृत रिपोर्टिंग टेम्पलेट विकसित किया जाएगा, जो सीएसआर गतिविधियों की प्रगति और प्रभाव की निगरानी प्रक्रिया को सरल बनाएगा, ताकि सभी पीएसयू अपनी प्रगति और प्रभाव को समान रूप से रिपोर्ट कर सकें।

निष्कर्ष

बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि कोयला पीएसयू की सीएसआर गतिविधियाँ समाज के लिए लाभकारी बनी रहें, खासकर कोयला खनन क्षेत्रों में। सामुदायिक विकास, स्वास्थ्य, स्थिरता और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कोयला मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि सीएसआर पहलों की निरंतर निगरानी और मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी परियोजनाएं अपने लक्ष्यों को पूरा करें।

यह मध्य वर्ष समीक्षा सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से सार्थक सामाजिक प्रभाव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य स्थानीय समुदायों के जीवन को बेहतर बनाना और राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों में योगदान देना है।

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