दिसम्बर 23, 2024

बहराइच में डीजे संगीत को लेकर हुई झड़प, गोलीबारी में एक युवक की मौत, विरोध प्रदर्शन जारी

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सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच  विवाद हुआ,  जिसने धीरे – धीरे हिंसक रूप ले लिया, और इस विवाद में एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह झड़प डीजे संगीत बजाने को लेकर हुई बहस के बाद शुरू हुई, जो पत्थरबाजी और गोलीबारी में तब्दील हो गई।

घटना का विवरण

बहराइच की पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला के अनुसार, घटना महसी तहसील में तब हुई जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का जुलूस उस इलाके से गुजर रहा था। डीजे संगीत बजाने को लेकर हुई मामूली कहासुनी ने अचानक हिंसक रूप ले लिया, और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें राम गोपाल मिश्रा नामक युवक को गोली लगी। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

विरोध और तनाव

14 अक्टूबर को, जब मिश्रा का शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया, तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शव को लेकर महसी तहसील पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को फांसी की सजा की मांग करते हुए अंतिम संस्कार न करने का फैसला लिया, जब तक कि न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता।

विरोध के दौरान कुछ लोगों ने हिंसा का सहारा लिया। पुलिस के अनुसार, कई घरों, दुकानों और वाहनों पर पत्थरबाजी की गई, और हारदी क्षेत्र में एक दोपहिया वाहन शो रूम को आग के हवाले कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। बाहरी लोगों को प्रदर्शन स्थल से दूर रखने के लिए इलाके में बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

घटना को गंभीरता से लेते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाएगी।

वर्तमान स्थिति

घटना की जांच जारी है, और प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और किसी भी तरह की हिंसा से बचने की सलाह दी है।

यह घटना धार्मिक आयोजनों के दौरान होने वाली साम्प्रदायिक तनाव की गंभीरता को उजागर करती है और शांति व सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देती है।

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