उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता बंद करने पर विचार कर रहे हैं इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू, हमास पर बढ़ सकता है दबाव
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता को पूरी तरह से बंद करने की एक विवादास्पद योजना पर विचार कर रहे हैं। यह प्रस्ताव इजरायल के कुछ सेवानिवृत्त जनरलों द्वारा पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य हमास आतंकियों पर दबाव बढ़ाना है। अगर यह योजना लागू होती है, तो उत्तरी गाजा में खाद्य सामग्री, पानी और अन्य आवश्यक चीजों की कमी से नागरिकों के लिए हालात और गंभीर हो सकते हैं।
इस योजना के तहत, उत्तरी गाजा में रह रहे सैकड़ों हजारों फिलिस्तीनी नागरिक, जो अपने घर छोड़ने में असमर्थ या अनिच्छुक हैं, खाद्य और पानी की कमी का सामना कर सकते हैं। यह कदम इजरायल की हमास के खिलाफ व्यापक सैन्य रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो आतंकवादियों की गतिविधियों को कमजोर करने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है।
निकासी के आदेश और सैन्य क्षेत्र घोषित करने की योजना
पिछले एक वर्ष के दौरान, इजरायल ने उत्तरी गाजा के नागरिकों को कई बार निकासी के आदेश दिए हैं, खासकर गाजा सिटी में। हाल ही में 13 अक्टूबर, 2024 को इजरायल ने एक और आदेश जारी किया, जिसमें लोगों से उत्तरी गाजा को खाली करने के लिए कहा गया। नई योजना के तहत, फिलिस्तीनी नागरिकों को एक सप्ताह की समयसीमा दी जाएगी ताकि वे उत्तरी गाजा पट्टी के एक तिहाई हिस्से, जिसमें गाजा सिटी भी शामिल है, को छोड़ सकें। इसके बाद इस क्षेत्र को बंद सैन्य क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
अगर यह योजना लागू होती है, तो उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता पूरी तरह से रोक दी जाएगी। इससे पहले से ही मुश्किल हालात में जी रहे नागरिकों के लिए स्थिति और गंभीर हो सकती है, क्योंकि वे अपनी जरूरतों के लिए बाहरी सहायता पर निर्भर हैं। इस योजना के आलोचकों का कहना है कि यह कदम एक मानवीय संकट को जन्म दे सकता है, क्योंकि कई नागरिक संघर्ष क्षेत्र में फंसे रह सकते हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हो सकती है।
बढ़ते संघर्ष और दबाव
यह प्रस्ताव उस समय आया है जब क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल और हमास के बीच एक साल से चले आ रहे इस युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। इजरायल का उद्देश्य हमास को समाप्त कर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन इस संघर्ष से गाजा के नागरिकों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इजरायल की इस रणनीति पर चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की है। उत्तरी गाजा को पूरी तरह से सील करने से इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी आलोचना का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि यह कदम वहां के नागरिकों पर भारी पड़ सकता है, खासकर उन लोगों पर जो पलायन नहीं कर सकते।
मानवीय और राजनीतिक परिणाम
नेतन्याहू द्वारा इस योजना पर लिए गए निर्णय का असर केवल सैन्य अभियान तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह इजरायल की वैश्विक स्थिति पर भी प्रभाव डालेगा। मानवीय सहायता की रोक से इजरायल के कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ उसके संबंधों में तनाव आ सकता है, जो पहले ही इस संघर्ष में संयम बरतने की अपील कर चुके हैं।
उत्तरी गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। खाद्य सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की कमी का डर उन्हें या तो वहां रहकर भूख और प्यास सहने पर मजबूर कर सकता है, या फिर उन्हें लगातार हिंसा के साए में अपना घर छोड़ना पड़ सकता है।
जैसे ही इजरायल सरकार इस योजना पर विचार कर रही है, पूरी दुनिया इसके मानवीय और भू-राजनीतिक परिणामों को लेकर चिंतित है।