प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर, गुजरात में 4वें ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो का उद्घाटन किया
16 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में 4वें ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो (RE-INVEST) का उद्घाटन किया। यह तीन दिवसीय आयोजन नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करता है, जिसमें 200 गीगावाट से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का लक्ष्य हासिल करना शामिल है। इस एक्सपो में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्टअप्स और उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा किए गए नवाचारों का प्रदर्शन किया गया है।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का अनूठा दृष्टिकोण
इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की विविध और विशाल क्षमताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की हरित ऊर्जा समाधानों की दिशा न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है बल्कि इसमें वैश्विक अनुप्रयोगों की भी क्षमता है। उन्होंने हाल के महीनों में भारत द्वारा आयोजित वैश्विक आयोजनों जैसे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट और प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव का भी उल्लेख किया, जिससे हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया गया।
जलवायु प्रतिबद्धताओं में अग्रणी
भारत पेरिस समझौते के दौरान निर्धारित जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला G20 राष्ट्र है, और इसने इन लक्ष्यों को समय सीमा से नौ साल पहले ही हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजना का उल्लेख किया और कहा कि सरकार ने हरित परिवर्तन को जन आंदोलन में बदल दिया है। इस परिवर्तन की एक प्रमुख पहल है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, जो घरों के लिए रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन की सुविधा प्रदान करती है। यह योजना न केवल प्रत्येक घर को बिजली उत्पादक बनने में सक्षम बनाती है बल्कि रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। 1.3 करोड़ से अधिक परिवारों ने इस योजना के लिए पंजीकरण किया है, और अब तक 3.25 लाख घरों में स्थापना का काम पूरा हो चुका है।
कार्यबल को सशक्त बनाना और उत्सर्जन को कम करना
प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 3 लाख युवाओं को कुशल जनशक्ति के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना की घोषणा की, जिसमें से 1 लाख युवा सोलर पीवी तकनीशियन बनेंगे। इस पहल का उद्देश्य लगभग 20 लाख नौकरियां पैदा करना और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव डालना है। अनुमान है कि हर 3 किलोवाट सौर बिजली उत्पादन से 50-60 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोका जा सकता है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सामूहिक प्रयास को दर्शाता है।
नवीकरणीय क्षेत्र में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री प्रह्लाद जोशी ने भी सभा को संबोधित किया और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभी हितधारकों को भारत के तेजी से बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और गैर-जीवाश्म शक्ति क्षमता के 200 गीगावाट के मील के पत्थर तक पहुंचने में विभिन्न राज्यों के योगदान पर प्रकाश डाला।
राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों की भागीदारी
इस आयोजन में गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई प्रमुख भारतीय राज्यों की भागीदारी देखी गई। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे जैसे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस एक्सपो में दो-दिन-का सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें नवीन वित्त पोषण, ग्रीन हाइड्रोजन और भविष्य की ऊर्जा समाधानों पर विचार-विमर्श किया गया।
एक स्थायी भविष्य के लिए नवाचारों का प्रदर्शन
RE-INVEST एक्सपो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट मंच है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों की प्रगति को प्रस्तुत करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत एक स्थायी भविष्य के प्रति कितनी प्रतिबद्धता रखता है। यह प्रदर्शनी नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि को बढ़ावा देने और हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा को रेखांकित करती है।
RE-INVEST जैसे उपायों और पीएम सूर्य घर जैसी योजनाओं के माध्यम से, भारत नवीकरणीय ऊर्जा में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लगातार प्रदर्शित कर रहा है, जो सतत विकास और पर्यावरणीय देखभाल में दुनिया के लिए एक मिसाल कायम कर रहा है।