भारत में हरित आवरण विस्तार की दिशा में उठाए गए कदम

भारत सरकार वन संरक्षण और हरित आवरण बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। राष्ट्रीय वन नीति (NFP) 1988 के तहत देश के कुल भूमि क्षेत्र का कम से कम एक-तिहाई भाग वन या वृक्षों से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया था। इसी के तहत देश के पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्रों में दो-तिहाई क्षेत्र को वन या वृक्ष आच्छादित करने की परिकल्पना की गई थी।
भारत में वन एवं वृक्ष आवरण की स्थिति
भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI), देहरादून द्वारा प्रकाशित भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR) – 2023 के अनुसार, देश का कुल वृक्ष एवं वन आवरण 8,27,356.95 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.15 प्रतिशत है। यह आंकड़ा ISFR 2021 की तुलना में 1445.81 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्शाता है।
राज्यवार वन एवं वृक्ष आवरण
भारत के विभिन्न राज्यों में वन एवं वृक्ष आवरण की स्थिति अलग-अलग है। कुछ राज्यों में वनावरण अधिक है, जबकि कुछ में यह अपेक्षाकृत कम है। नीचे कुछ प्रमुख राज्यों के आंकड़े दिए गए हैं:
- मध्य प्रदेश: कुल वनावरण 85,723.58 वर्ग किमी (देश में सबसे अधिक)
- अरुणाचल प्रदेश: 67,083.20 वर्ग किमी
- छत्तीसगढ़: 62,350.45 वर्ग किमी
- महाराष्ट्र: 65,383.41 वर्ग किमी
- ओडिशा: 58,597.01 वर्ग किमी
- राजस्थान: 27,389.33 वर्ग किमी
- उत्तर प्रदेश: 23,996.72 वर्ग किमी
- दिल्ली: 371.31 वर्ग किमी
वन संरक्षण के लिए प्रमुख सरकारी नीतियां एवं कानून
भारत में वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय नीतियां लागू हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- राष्ट्रीय वन नीति, 1988 – वन संरक्षण और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई नीति।
- भारतीय वन अधिनियम, 1927 – वनों के संरक्षण एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 – देश के जैव विविधता हॉटस्पॉट और वन्यजीव आवासों की रक्षा करता है।
- वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 – वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए सख्त प्रावधान करता है।
- जैव विविधता अधिनियम, 2002 – पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता के संरक्षण पर जोर देता है।
हरित आवरण बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाएं
वनावरण बढ़ाने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं:
- हरित भारत मिशन (GIM) – देशभर में वनीकरण और वन परिदृश्य पुनर्जीवित करने के लिए यह प्रमुख योजना चलाई जा रही है।
- वन्यजीव आवासों का एकीकृत विकास (IDWH) – वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों के संरक्षण पर केंद्रित योजना।
- प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) – वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण और संरक्षण के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है।
- नगर वन योजना (NVY) – शहरी क्षेत्रों में हरे-भरे वन विकसित करने के लिए शुरू की गई योजना।
- मैंग्रोव संरक्षण और संवर्धन (MISHTI) – समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में मैंग्रोव जंगलों को बढ़ाने के लिए चलाई जा रही पहल।
प्रधानमंत्री द्वारा वृक्षारोपण अभियान
5 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत देशभर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की पहल की गई, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया और अपने परिवेश में पेड़ लगाए।
निष्कर्ष
भारत सरकार वन संरक्षण और हरित आवरण बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से देश में वन आवरण को 33% तक लाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हालांकि, इसके लिए आम नागरिकों की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। हर व्यक्ति को वृक्षारोपण में भाग लेना चाहिए, वनों की सुरक्षा करनी चाहिए और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।