“कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम”

कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसानों की समृद्धि देश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि” पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र की बेहतरी, किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर विशेष जोर दिया।
कृषि क्षेत्र का विकास: सरकार की प्राथमिकता
श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारतीय कृषि को एक वैश्विक महाशक्ति में बदलने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार किसानों की आत्मनिर्भरता, सतत विकास और उनकी आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इस वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञों और मंत्रियों के सुझावों को शामिल करते हुए नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने की योजना बनाई गई।
छह सूत्रीय रणनीति: कृषि को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि किसानों की समृद्धि के लिए छह सूत्रीय रणनीति तैयार की गई है:
- उत्पादन बढ़ाना – उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना।
- उत्पादन लागत घटाना – किसानों को उन्नत बीज, खाद, पानी और बिजली की सस्ती सुविधा प्रदान कर लागत कम करना।
- उत्पादन का उचित मूल्य सुनिश्चित करना – फसलों के लिए उचित मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नीति को प्रभावी रूप से लागू करना।
- नुकसान की भरपाई करना – प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावी योजनाएं लागू करना।
- कृषि का विविधीकरण – पारंपरिक खेती के साथ बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन और अन्य कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना।
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना – रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
मखाना बोर्ड के गठन पर विचार
वेबिनार के दौरान मखाना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक अलग मखाना बोर्ड के गठन का भी सुझाव दिया गया। श्री चौहान ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में आगे कार्य करेगी। इससे न केवल मखाना उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि इससे जुड़े किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उठाए गए कदम
सरकार किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इनमें ड्रोन तकनीक, स्मार्ट खेती, डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म और फसल बीमा जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन उपायों से किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी और उन्हें बाजार तक अपनी फसलें बेहतर तरीके से पहुंचाने में मदद मिलेगी।
कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की योजना
भारत को “फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड” बनाने के उद्देश्य से सरकार कृषि निर्यात को भी बढ़ावा दे रही है। भारतीय फलों, सब्जियों, अनाज और डेयरी उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ रही है। सरकार निर्यात संबंधी बाधाओं को दूर कर किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना
कृषि और ग्रामीण विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। इसीलिए सरकार गांवों में बेहतर सड़कें, सिंचाई सुविधाएं, कोल्ड स्टोरेज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर ध्यान दे रही है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
कृषि और ग्रामीण समृद्धि के बिना आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता। सरकार किसानों की बेहतरी के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है और उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इस वेबिनार में मिले सुझावों को सरकार नीति निर्माण में शामिल कर रही है ताकि जमीनी स्तर पर बदलाव लाया जा सके। यदि ये योजनाएं सही तरीके से लागू की गईं, तो निश्चित रूप से भारत कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा और वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।