यूक्रेन संकट: जेद्दा वार्ता में 30-दिन की संघर्षविराम योजना पर बनी सहमति, फ्रांस का बड़ा बयान

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूक्रेन के बीच जेद्दा में हुई वार्ता का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में 30-दिन के संभावित संघर्षविराम को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई है, जो युद्धग्रस्त क्षेत्र में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
रूस पर बढ़ा दबाव
मैक्रों ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “अब गेंद रूस के पाले में है।” यह संकेत करता है कि अब रूस को इस संघर्षविराम प्रस्ताव पर निर्णय लेना होगा।
फ्रांस और उसके सहयोगी देश यूक्रेन की सुरक्षा के लिए मजबूत गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैक्रों ने स्पष्ट किया कि उनका देश स्थायी और ठोस शांति की दिशा में काम करता रहेगा।
क्या है जेद्दा बैठक का महत्व?
- यह बैठक ऐसे समय में हुई जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लंबे समय से चल रहा है और इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।
- अमेरिका और यूक्रेन की इस वार्ता में युद्धविराम की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा हुई, जिससे शांति स्थापित करने की उम्मीदें बढ़ी हैं।
- इस पहल में फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, ताकि इस संघर्ष का कूटनीतिक समाधान निकाला जा सके।
रूस का रुख क्या होगा?
अब सभी की नजरें रूस के जवाब पर टिकी हैं। यदि रूस इस 30-दिन के संघर्षविराम को स्वीकार करता है, तो यह संघर्ष को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालाँकि, रूस की प्रतिक्रिया अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस प्रस्ताव को किस तरह लेता है।
निष्कर्ष
यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं, और फ्रांस जैसे देश इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मैक्रों का यह बयान दर्शाता है कि यूरोप संघर्षविराम और शांति बहाली के लिए गंभीर है। अब देखना यह है कि रूस इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वाकई जंग को रोकने के लिए कोई ठोस समझौता हो सकता है।