गंदे वीडियो देखने पर हो सकती है जेल, जानिए कौन से कानूनों के तहत खानी पड़ सकती है सजा
भारत में इंटरनेट और डिजिटल मीडिया के बढ़ते चलन ने अश्लील सामग्री तक लोगों की पहुंच आसान कर दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अश्लील सामग्री देखना एक अपराध हो सकता है? खासतौर पर यदि आप एक विशेष प्रकार के अश्लील कंटेंट देखते हैं तो आपको जेल की सजा भी हो सकती है। आइए इस विषय से जुड़े कानूनों को विस्तार से समझते हैं।
भारतीय कानून क्या कहता है?
भारत में अश्लील सामग्री के बारे में कानून जटिल है। भारतीय कानून के अनुसार, अश्लील कंटेंट का निर्माण, प्रसारण, और व्यापार अवैध है। लेकिन व्यक्तिगत रूप से अश्लील सामग्री देखने पर स्पष्ट रूप से कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। यानी, यदि आप अपने निजी जीवन में अश्लील कंटेंट देखते हैं तो आपको जेल की सजा नहीं मिलेगी। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसके लिए भी सजा हो सकती है।
किस धारा के तहत हो सकती है कार्रवाई?
अगर आप अश्लील सामग्री का निर्माण, प्रसारण या व्यापार करते हैं, तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी एक्ट, 2000) की धारा 67, 67A और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 292, 293, 294, 500, 506, और 509 के तहत सजा का प्रावधान है।
आईटी एक्ट की धारा 67A के अंतर्गत अश्लील कंटेंट का प्रसारण, प्रकाशन या व्यापार करने पर कठोर सजा दी जा सकती है। इसमें दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यदि यह अपराध दोबारा किया जाता है तो सजा 7 साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी 10 लाख रुपये तक हो सकता है।
किस प्रकार का अश्लील कंटेंट देखने पर जेल हो सकती है?
यदि आप बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री देखते हैं, तो यह गंभीर अपराध माना जाता है। बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट का निर्माण, प्रसारण, व्यापार या निजी तौर पर देखना भी अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामलों में पॉक्सो एक्ट, 2012 और आईटी एक्ट, 2000 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है। दोषी पाए जाने पर आपको 5 से 7 साल की सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
इसलिए, इंटरनेट का उपयोग करते समय सावधानी बरतना और कानूनी जानकारी रखना आवश्यक है। बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह कानून के तहत एक गंभीर अपराध भी है, जिसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है।