नवम्बर 22, 2024

दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए समग्र रणनीति की आवश्यकता: एनएचआरसी अध्यक्ष एनएचआरसी की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती विजया भारती सयानी ने सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून और नीतियों के बावजूद, महिलाओं के लिए अब भी कई बाधाएं बनी हुई हैं, जिन्हें प्रभावी ढंग से संबोधित करने की जरूरत है।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त कानून लागू करने की मांग श्रीमती सयानी ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे हिंसक अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानूनों के क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अपराधियों को दंडित करने के साथ-साथ न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करना और पीड़िताओं के लिए सहयोगी तंत्र को बेहतर बनाना आवश्यक है।

शहरों और संस्थानों में सुरक्षा ऑडिट करने का प्रस्ताव संगोष्ठी में सुझाव दिया गया कि शहरों और संस्थानों में सुरक्षा ऑडिट कर यह पता लगाया जाए कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कौन सी खामियां मौजूद हैं। इसके साथ ही सभी स्तरों पर, जैसे स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल, और कानून व्यवस्था के बीच, जेंडर संवेदनशीलता कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता बताई गई ताकि सुरक्षा उपायों को पहले से बेहतर किया जा सके।

मीडिया से हानिकारक व्यवहार को महिमामंडित न करने की अपील एनएचआरसी के महानिदेशक श्री अजय भटनागर ने कहा कि मीडिया का समाज की मानसिकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए स्टॉकिंग जैसे गलत व्यवहार को महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने समाज में असमान शक्ति संतुलन को खत्म करने और महिलाओं के लिए समानता के बजाय समता की आवश्यकता पर जोर दिया।

बढ़ते कार्यबल के बावजूद युवा महिलाओं के लिए बढ़ते खतरे एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि 18-30 आयु वर्ग की महिलाएं बड़ी संख्या में कार्यबल और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश कर रही हैं, लेकिन उनके खिलाफ हो रहे अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यस्थलों पर सुरक्षा और सामूहिक जिम्मेदारी का आह्वान संगोष्ठी में यह भी कहा गया कि सभी कार्यस्थलों पर आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को सक्रिय और सक्षम बनाना आवश्यक है ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, यह भी जोर दिया गया कि महिलाओं की सुरक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जाए, जिसमें समाज के सभी वर्गों की सहभागिता होनी चाहिए।

महिला सुरक्षा समाधान पर अधिकारियों और विशेषज्ञों की चर्चा इस संगोष्ठी में एनसीडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस, यूएन वीमेन इंडिया और कॉरपोरेट जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। एनएचआरसी इन चर्चाओं के बाद महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस सिफारिशें तैयार करने पर विचार करेगा।

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