दिल्ली आबकारी मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जमानत मंजूर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को केजरीवाल को जमानत दी, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल है। इस फैसले से केजरीवाल को जमानत मिल गई, लेकिन कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिन्हें उन्हें पालन करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्वल भुइयां की बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और शर्तों के आधार पर केजरीवाल को जमानत दी। यह शर्तें वही रहेंगी, जो उन्हें ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के केस में जमानत के दौरान दी गई थीं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केजरीवाल को सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने और सरकारी कामकाज में शामिल होने से रोका गया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को केजरीवाल और सीबीआई के वकीलों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना, लेकिन कहा कि किसी नेता को लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। इस फैसले से केजरीवाल को राहत मिली है, लेकिन मामले की कानूनी प्रक्रियाएँ अभी जारी रहेंगी।
मामला क्या है?
दिल्ली सरकार ने 2021-22 में एक नई आबकारी नीति पेश की थी, जिसका उद्देश्य शहर के शराब व्यापार को पुनर्जीवित करना और शराब की बिक्री में पारदर्शिता लाना था। इस नीति के तहत लाइसेंसिंग प्रक्रिया और शुल्क प्रणाली में बदलाव किए गए थे। इसके साथ ही, ग्राहकों को बेहतर खरीदारी अनुभव देने के लिए नए शराब विक्रय केंद्र खोलने की योजना बनाई गई थी।
हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी। आरोप था कि इस नीति के तहत दिल्ली सरकार को भारी रिश्वत मिली, जिसमें अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया। ईडी का दावा है कि इस रकम का एक बड़ा हिस्सा गोवा चुनाव के लिए इस्तेमाल किया गया था।
सीबीआई और ईडी की गिरफ्तारी
इस मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत गिरफ्तार किया था। इसके बाद, 26 जून को सीबीआई ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया, जब वह पहले से ही ईडी की हिरासत में थे। केजरीवाल ने इस मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिससे सीबीआई ने आपत्ति जताई थी। सीबीआई का कहना था कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया था।
आम आदमी पार्टी में उत्साह
केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पार्टी ने इसे न्याय की जीत बताते हुए कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। AAP का मानना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उठाया गया कदम था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई इस राहत से केजरीवाल को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी जारी रहेगी। आबकारी नीति से जुड़े इस मामले का समाधान आने वाले दिनों में होगा, और इसके लिए दोनों पक्षों को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।