कनाडा के तेल और गैस क्षेत्र में उत्सर्जन सीमा की योजना का ड्राफ्ट जारी करेगा, जलवायु लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम
कनाडा सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह सोमवार को दोपहर 1 बजे (1800 GMT) अपने तेल और गैस क्षेत्र के लिए उत्सर्जन सीमा की योजना का ड्राफ्ट जारी करेगी। यह महत्वपूर्ण योजना देश के सबसे प्रदूषणकारी उद्योगों में से एक में प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लाई जा रही है, जो कनाडा की पर्यावरणीय नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है।
पर्यावरण मंत्री स्टीफन गिल्बो के प्रवक्ता हर्माइन लैंड्री के अनुसार, “नियमावली प्रदूषण को सीमित करेगी, उत्पादन को नहीं।” इस योजना का उद्देश्य यह है कि तेल और गैस क्षेत्र अपने संचालन को जारी रखते हुए अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करें, जिससे आर्थिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों के बीच संतुलन बनाया जा सके।
कनाडा के जलवायु लक्ष्य
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल सरकार ने जलवायु कार्रवाई को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में रखा है और लगातार विभिन्न उद्योगों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के प्रयास कर रही है। दुनिया के चौथे सबसे बड़े तेल उत्पादक देश के रूप में, कनाडा को एक ऐसे क्षेत्र में उत्सर्जन घटाने की चुनौती का सामना है जो उसके कुल उत्सर्जन का एक चौथाई से अधिक योगदान करता है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 2005 के स्तर से उत्सर्जन को 40% से 45% तक कम किया जाए, जिसमें तेल और गैस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।
ड्राफ्ट योजना: उत्सर्जन पर नियंत्रण, उत्पादन पर नहीं
यह नई ड्राफ्ट योजना तेल और गैस उद्योग में उत्पादन को सीमित किए बिना उत्सर्जन पर एक सीमा तय करने का प्रस्ताव रखती है। प्रदूषण के स्तर पर सीमा तय करके, कंपनियों को स्वच्छ तकनीकों को अपनाना और नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। सरकार का मानना है कि उत्पादन को जारी रखते हुए कठोर उत्सर्जन सीमाएं तय करना नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और एक कम-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर एक आसान संक्रमण प्रदान करेगा।
उद्योग और पर्यावरण पर प्रभाव
यह योजना ऐसे समय में लाई जा रही है जब कनाडा के ऊर्जा क्षेत्र पर अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने का दबाव बढ़ रहा है। पर्यावरणविदों का मानना है कि यह सीमा कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि उद्योग के नेता इसे लागू करने के खर्च और आवश्यक संचालन समायोजन को लेकर चिंतित हैं।
हालांकि उद्योग की चिंताओं के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह उत्सर्जन सीमा स्वच्छ तकनीकों में नवाचार को प्रोत्साहित कर सकती है और कनाडा को स्थायी तेल उत्पादन में अग्रणी बना सकती है। उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करके, सरकार का लक्ष्य है कि इस क्षेत्र के आर्थिक योगदान को बनाए रखते हुए इसके पर्यावरणीय प्रभाव को सीमित किया जाए। यह दृष्टिकोण कनाडा के ऊर्जा क्षेत्र को देश के जलवायु लक्ष्यों के साथ संरेखित करने का एक मार्ग प्रदान करता है और अन्य तेल उत्पादक देशों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
आगे का रास्ता
सोमवार को होने वाली घोषणा में उत्सर्जन सीमा के विशिष्ट विवरण बताए जाने की उम्मीद है, जिसमें यह शामिल होगा कि कंपनियां नियमों का पालन कैसे कर सकती हैं और सीमा से अधिक उत्सर्जन करने पर क्या दंड लगाए जाएंगे। इस योजना की सफलता संघीय सरकार, उद्योग और प्रांतीय प्राधिकरणों के बीच सहयोग पर निर्भर करेगी, विशेषकर तेल-आधारित क्षेत्रों में।
जैसे ही कनाडा इस महत्वाकांक्षी नीति को लागू करने की तैयारी कर रहा है, तेल और गैस क्षेत्र की प्रतिक्रिया और इस सीमा का राष्ट्रीय जलवायु रणनीति पर प्रभाव ध्यान देने योग्य होगा। यदि सफल होती है, तो यह उत्सर्जन सीमा कनाडा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जो इसे 2030 के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में स्पष्ट मार्ग पर स्थापित कर सकती है और वैश्विक तेल उत्पादक के रूप में उसकी स्थिति को बनाए रख सकती है।