जुलाई 16, 2025

चित्रकूट में धार्मिक आस्था का केंद्र परानू बाबा मंदिर बना अग्निकांड का शिकारचित्रकूट, 21 जून 2025

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Anoop singh

उत्तर प्रदेश के पवित्र नगर चित्रकूट के बरगढ़ क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक परानू बाबा मंदिर में शुक्रवार को अचानक भीषण आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं की आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जहां दूर-दूर से भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

घटना का विवरण

बताया जा रहा है कि शुक्रवार की दोपहर करीब 3 बजे मंदिर परिसर में आग की पहली लपटें देखी गईं। मंदिर में उस समय पूजा-अर्चना चल रही थी और काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। अचानक धुएं और आग की लपटों से अफरा-तफरी मच गई।

स्थानीय लोगों और पुजारियों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी। दमकल की तीन गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।

आग लगने का कारण

प्रारंभिक जांच के अनुसार, मंदिर में विद्युत शॉर्ट सर्किट को आग लगने का संभावित कारण माना जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने पूरी घटना की गहराई से जांच के आदेश दे दिए हैं।

कोई जनहानि नहीं, लेकिन नुकसान व्यापक

सौभाग्यवश, इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई है। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। लेकिन मंदिर के गर्भगृह और आस-पास की संरचनाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। मंदिर में स्थापित कुछ प्राचीन मूर्तियाँ और धार्मिक ग्रंथ भी इस हादसे में जल गए, जो कि अपूरणीय क्षति है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिलाधिकारी चित्रकूट और स्थानीय विधायक ने घटनास्थल का दौरा किया और पुनर्निर्माण एवं सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन हम मंदिर को पहले से बेहतर स्वरूप में पुनर्निर्मित करेंगे।”

श्रद्धालुओं में दुख, लेकिन पुनर्निर्माण को लेकर आशा

स्थानीय श्रद्धालुओं में घटना को लेकर गहरा दुख व्याप्त है, लेकिन साथ ही प्रशासन द्वारा दिए गए भरोसे और समाज के सहयोग से पुनर्निर्माण को लेकर आशा भी बनी हुई है। मंदिर समिति ने आम जनता से सहयोग की अपील की है।


निष्कर्ष:
परानू बाबा मंदिर में लगी आग ने धार्मिक भावना को झकझोर जरूर दिया है, लेकिन इससे आस्था कमजोर नहीं हुई। समाज, प्रशासन और श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर का पुनर्निर्माण संभव है और यह स्थान फिर से आस्था का केन्द्र बनेगा।


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