जनवरी 5, 2025

“टनल बनाओ, जान बचाओ” अभियान: बाल्टिस्तान स्टूडेंट्स फेडरेशन की सुरक्षा के लिए नई पहल

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बाल्टिस्तान स्टूडेंट्स फेडरेशन (BSF) ने “टनल बनाओ, जान बचाओ” नामक एक विरोध अभियान शुरू करने का फैसला किया है। यह अभियान जगलोट-स्कर्दू रोड पर सुरंगों के निर्माण के लिए सरकार और संबंधित अधिकारियों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य इस खतरनाक सड़क पर यात्रा को सुरक्षित बनाना और सड़क के दोषपूर्ण डिजाइन के कारण होने वाले हादसों को कम करना है।

छात्रों की पैदल यात्रा से जागरूकता फैलाने की योजना

पामीर टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान के तहत कराकोरम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, गिलगित यूनिट के छात्र गिलगित से स्कर्दू तक पैदल मार्च करेंगे। यह यात्रा सड़क की खामियों और इस पर होने वाले खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सरकार को इस गंभीर समस्या पर कार्रवाई के लिए प्रेरित करने के लिए आयोजित की जाएगी।

मूल योजना से टनल हटाने पर नाराजगी

प्रदर्शनकारियों ने खुलासा किया कि जगलोट-स्कर्दू रोड की मूल योजना में आठ सुरंगों के निर्माण की योजना थी। ये सुरंगें उन क्षेत्रों को बायपास करने के लिए डिजाइन की गई थीं जो भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील हैं। हालांकि, अंतिम डिजाइन में बिना किसी स्पष्ट कारण के इन सुरंगों को हटा दिया गया, जिससे सड़क पर यात्रा और भी अधिक खतरनाक हो गई।

बढ़ते हादसों पर चिंता

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन सुरंगों को हटाने के कारण सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव न केवल यात्रियों की जान के लिए खतरा बन गया है, बल्कि इसने कई परिवारों को दर्दनाक त्रासदियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है।

अभियान का उद्देश्य

“टनल बनाओ, जान बचाओ” अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को सड़क की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और सुरंगों के निर्माण की आवश्यकता को समझाने के लिए प्रेरित करना है। बाल्टिस्तान स्टूडेंट्स फेडरेशन का मानना है कि इन सुरंगों का निर्माण न केवल सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए आर्थिक और सामाजिक लाभ भी लाएगा।

निष्कर्ष

बाल्टिस्तान स्टूडेंट्स फेडरेशन का यह अभियान क्षेत्र की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सरकार को जिम्मेदारी का एहसास कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “टनल बनाओ, जान बचाओ” जैसे अभियानों के माध्यम से सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में ठोस प्रयासों की उम्मीद की जा सकती है।

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