अप्रैल 8, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने यति नरसिंघानंद के धर्म संसद के खिलाफ contempt याचिका खारिज की, यूपी प्रशासन को आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश प्रशासन और पुलिस के खिलाफ यति नरसिंघानंद द्वारा आयोजित धर्म संसद को लेकर contempt याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कानून और व्यवस्था बनी रहे। इस दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने जिलों के अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौपी।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज से कहा, “कृपया यह सुनिश्चित करें कि जो कुछ भी हो रहा है, उस पर नजर रखी जाए। इस घटना के रिकॉर्डिंग्स मौजूद हों। और यह तथ्य कि हम इसे नहीं सुन रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई उल्लंघन हो रहा है।”

यह contempt याचिका उत्तर प्रदेश प्रशासन और पुलिस के खिलाफ दाखिल की गई थी क्योंकि उन्होंने 17 से 21 दिसंबर तक गाज़ियाबाद में आयोजित होने वाली ‘धर्म संसद’ पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि, गाज़ियाबाद के दासना स्थित शिव-शक्ति मंदिर परिसर में आयोजित होने वाली ‘धर्म संसद’ को अधिकारियों ने अनुमति न देने के कारण रद्द कर दिया था।

इस मामले में कई एक्टिविस्ट और पूर्व नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इनमें अरुणा रॉय, रिटायर आईएएस अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, पूर्व आईएफएस अधिकारी देब मुकर्जी और नवरेखा शर्मा जैसे लोग शामिल थे। इन सभी का आरोप था कि धर्म संसद के दौरान नरसंहार की अपील की गई थी।

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