यह प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) दिल्ली द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति है, जो कोयला मंत्रालय के हालिया फैसलों और कोयला आपूर्ति से संबंधित नीतियों पर केंद्रित है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

- कोयला आपूर्ति में सुधार:
- बिजली संयंत्रों के लिए कोयला खरीद प्रतिबंध हटाया गया है।
- नई कोयला वितरण नीति (2007) को 2017 में शक्ति नीति द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, जिससे ईंधन आपूर्ति समझौते (FSA) के तहत कोयला आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।
- कोयला कंपनियों द्वारा सिंगल विंडो ई-नीलामी के माध्यम से भी कोयला बेचा जाता है।
- कोयला उत्पादन में वृद्धि:
- भारत का कोयला उत्पादन 2023-24 में अब तक का सर्वाधिक 997.826 मिलियन टन रहा।
- 2024-25 में फरवरी तक 929.15 मिलियन टन उत्पादन हो चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.45% अधिक है।
- सरकारी प्रयास:
- कोयला ब्लॉकों के विकास की नियमित समीक्षा।
- खनन और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 लागू कर कैप्टिव खदान मालिकों को कोयला खुले बाजार में बेचने की अनुमति।
- कोयला खदानों के लिए एकल खिड़की मंजूरी पोर्टल की सुविधा।
- वाणिज्यिक कोयला खनन की उदार नीतियाँ, जैसे 100% एफडीआई की अनुमति और पारदर्शी बोली प्रक्रिया।
- हाईवॉल खदानों की योजना और आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाना।
- कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के प्रयास:
- कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) भूमिगत खदानों में बड़े पैमाने पर उत्पादन तकनीक (MPT) अपना रहा है।
- सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) नई परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर कार्यरत है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में इस विषय पर जानकारी दी।
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