नवम्बर 21, 2024

भारत को एक वैश्विक तकनीकी महाशक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो IT क्षेत्र में नवाचार और विकास को गति दे रहा है। तकनीकी क्षेत्र में विविधता केवल समानता का मामला नहीं है, बल्कि यह आर्थिक सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है। विभिन्न पृष्ठभूमियों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें अधिक समावेशी और प्रभावी उत्पाद तैयार करती हैं, जिससे एक ऐसा तकनीकी परिदृश्य उभरता है जो वैश्विक उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसी विश्वास को E-mma के #CodeAtHome कार्यक्रम की मिशन का आधार माना जाता है।

E-mma का #CodeAtHome कार्यक्रम और इसका उद्देश्य

E-mma NGO द्वारा 2021 में शुरू किया गया #CodeAtHome एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों और किशोरों में कोडिंग कौशल को बढ़ावा देना है, जिसमें तकनीकी क्षेत्र में विविधता पर विशेष जोर दिया गया है। फ्रांस, यूरोप, और भारत में युवाओं को कोडिंग से परिचित कराने के बाद अब यह कार्यक्रम भारत में अगले लाखों युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

पहले चरण की सफलता और भारत में व्यापक भागीदारी

अपने प्रारंभिक चरण में, #CodeAtHome ने भारत में 90,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया, जिनमें से लगभग 45% लड़कियाँ थीं। यह संख्या इस बात का प्रतीक है कि भारत में बच्चों और किशोरों ने तकनीकी कौशल में रुचि दिखाई और इस पहल का स्वागत किया। E-mma के समर्पित IT प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित निःशुल्क कोडिंग कार्यशालाओं ने सभी पृष्ठभूमियों के बच्चों को इस महत्वपूर्ण सीखने के अवसर तक पहुँचने में मदद की।

E-mma की समावेशिता की दिशा में प्रतिबद्धता

#CodeAtHome के पहले चरण की सफलता ने E-mma की इस प्रतिबद्धता को और मजबूत किया कि तकनीकी क्षेत्र में समावेशिता और समान अवसर की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे। यह पहल तकनीकी क्षेत्र में उन बच्चों के लिए भी अवसर ला रही है, जिनके पास पहले ऐसे अवसरों तक पहुँच नहीं थी। E-mma की यह पहल विशेष रूप से लड़कियों के लिए प्रोत्साहन का काम कर रही है, ताकि वे भी इस क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकें और तकनीकी क्षेत्र में लिंग आधारित असमानता को समाप्त करने में योगदान दे सकें।

थियरी मथू का सहयोग और #CodeAtHome का भविष्य

#CodeAtHome कार्यक्रम को भारत में फ्रांस के उच्चायुक्त हिज एक्सलेंसी थियरी मथू का उच्च संरक्षण प्राप्त है। उनका सहयोग इस कार्यक्रम के प्रभाव को बढ़ाने में सहायक रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल कोडिंग सिखाना नहीं है, बल्कि भारतीय युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में नए अवसरों की ओर प्रेरित करना है।

निष्कर्ष: भारत के तकनीकी भविष्य में E-mma का योगदान

E-mma के #CodeAtHome अभियान ने भारत में बच्चों और किशोरों के लिए कोडिंग को एक सुलभ और उपयोगी कौशल के रूप में प्रस्तुत किया है। यह पहल तकनीकी क्षेत्र में समावेशिता बढ़ाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक तकनीकी महाशक्ति के रूप में और भी मजबूत बनाने में सहायक है। E-mma का यह प्रयास यह साबित करता है कि तकनीकी क्षेत्र में विविधता को अपनाना और समावेशिता को बढ़ावा देना न केवल बच्चों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी है।

भारत में #CodeAtHome कार्यक्रम की सफलता और विस्तार की योजना भारत के तकनीकी भविष्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के प्रति एक आशाजनक कदम है।

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