भारतीय तटरक्षक बल का 49वां स्थापना दिवस: समुद्री सुरक्षा में अद्वितीय योगदान
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard – ICG) अपना 49वां स्थापना दिवस 1 फरवरी 2025 को मना रहा है। लगभग पांच दशकों से, यह बल भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी स्थापना 1 फरवरी 1977 को की गई थी और इसे भारतीय तटरक्षक अधिनियम, 1978 के तहत कानूनी रूप से मान्यता मिली। आज, भारतीय तटरक्षक बल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल बन चुका है, जिसमें 158 जहाज और 78 विमान शामिल हैं।
भारतीय तटरक्षक बल का विकास और योगदान
भारतीय तटरक्षक बल की शुरुआत सीमित संसाधनों के साथ हुई थी, लेकिन समय के साथ इसने अपनी क्षमताओं का विस्तार किया और एक सशक्त समुद्री बल के रूप में उभरा। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण की रक्षा, तस्करी और अवैध गतिविधियों को रोकना, तथा आपदा प्रबंधन में सहायता प्रदान करना है।
मुख्य कार्य और जिम्मेदारियां
भारतीय तटरक्षक बल की निम्नलिखित प्रमुख जिम्मेदारियां हैं:
✔ राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा – भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे समुद्री तट और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की निगरानी और सुरक्षा।
✔ तस्करी और अवैध गतिविधियों की रोकथाम – समुद्र में मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की अवैध आवाजाही और घुसपैठ को रोकना।
✔ समुद्री आपदा प्रबंधन – प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात और सुनामी के दौरान राहत और बचाव अभियान चलाना।
✔ पर्यावरण संरक्षण – समुद्र में तेल रिसाव और प्रदूषण की निगरानी और रोकथाम।
✔ मत्स्य सुरक्षा – भारतीय मछुआरों और नौकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अवैध मछली पकड़ने पर नियंत्रण।
आधुनिकरण और भविष्य की योजनाएं
आज, भारतीय तटरक्षक बल 158 जहाजों और 78 विमानों के साथ अपनी क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक, नए पोतों और विमानों के समावेश से इसकी संचालन क्षमता में वृद्धि हो रही है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत, कई स्वदेशी जहाज और विमान विकसित किए जा रहे हैं, जिससे तटरक्षक बल की ताकत और आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।
निष्कर्ष
भारतीय तटरक्षक बल न केवल भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करता है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय खतरों से भी देश की रक्षा करता है। 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर, यह बल अपने गौरवशाली अतीत को याद कर रहा है और भविष्य में और भी मजबूत और प्रभावी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।