महाकुंभ 2025: 30वें दिन तक 81.60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, माघ पूर्णिमा स्नान के लिए कड़ी व्यवस्थाएँ

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के 30वें दिन तक 81.60 लाख श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक 44.74 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। आगामी 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को और सख्त कर दिया है।
माघ पूर्णिमा पर विशेष ट्रैफिक व्यवस्था
माघ पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने नई ट्रैफिक व्यवस्था लागू की है।
- 11 फरवरी शाम 5 बजे से 12 फरवरी तक कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित रहेगा।
- केवल प्रशासनिक अधिकारियों, स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन वाहनों को अनुमति दी जाएगी।
- संगम क्षेत्र में श्रद्धालु केवल पैदल मार्ग से ही आ-जा सकेंगे।
CM योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक और प्रशासनिक सख्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महाकुंभ की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की और भीड़ नियंत्रण एवं ट्रैफिक प्रबंधन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
मुख्य निर्देश:
- सड़कों पर वाहनों की कतार न लगे, जाम की स्थिति न बने।
- पार्किंग स्थल से मेला परिसर तक शटल बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
- रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर अत्यधिक भीड़ न जुटे।
- मेला स्पेशल ट्रेनें और अतिरिक्त बसें चलाई जाएं।
- हर श्रद्धालु की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जाए।
अधिकारियों की विशेष तैनाती
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 52 नए IAS, IPS और PCS अधिकारियों की तैनाती की गई है। STF चीफ अमिताभ यश को विशेष विमान से प्रयागराज भेजा गया, ताकि कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंधन को और प्रभावी बनाया जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए नया मार्ग निर्धारण
माघ पूर्णिमा के स्नान को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रवेश और वापसी के पैदल मार्ग निर्धारित किए गए हैं:
संगम जाने का मार्ग:
- श्रद्धालु GT जवाहर मार्ग से प्रवेश करेंगे।
- काली रैम्प और संगम अपर मार्ग से होते हुए संगम तक पहुंचेंगे।
संगम से वापसी का मार्ग:
- श्रद्धालु अक्षयवट मार्ग और इंटरलॉकिंग वापसी मार्ग से बाहर निकलेंगे।
- इसके बाद त्रिवेणी मार्ग से अपने गंतव्य तक जा सकेंगे।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का आयोजन अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन और सुरक्षित स्नान का अवसर मिल सके। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए प्रयागराज पूरी तरह से तैयार है, और सरकार का लक्ष्य इस आयोजन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाना है।