राजापुर की छात्रा सौम्या मिश्रा बनी एक दिन की उपजिलाधिकारी, तहसील में सुनाई दीं फरियादियों की समस्याएं, प्रशासनिक जिम्मेदारियों से रूबरू हुईं
अनूप सिंह
राजापुर कस्बे की कक्षा 11 की छात्रा सौम्या मिश्रा ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत एक दिन के लिए उपजिलाधिकारी (एसडीएम) का पद संभालकर क्षेत्र की प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव किया। राजापुर के इण्टर कॉलेज में अध्ययनरत सौम्या ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए राजापुर तहसील में आए हुए फरियादियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें समाधान देने का प्रयास किया।
इस अनोखी पहल का उद्देश्य छात्राओं को प्रशासनिक कार्यों से अवगत कराना और उन्हें नेतृत्व कौशल के विकास में मदद करना था। सौम्या ने अपनी इस नई भूमिका में अत्यधिक उत्साह और निष्ठा दिखाई। तहसील में फरियादियों की समस्याओं को सुनते हुए उन्होंने प्रशासनिक प्रणाली की जटिलताओं को नजदीक से समझने का अवसर पाया।
राजापुर तहसील में इस दौरान नागरिक अपनी शिकायतें लेकर आए, जिनमें भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं से संबंधित समस्याएं, और अन्य प्रशासनिक मुद्दे शामिल थे। सौम्या ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों से चर्चा कर समस्याओं के संभावित समाधान के सुझाव दिए।
इस पहल ने न केवल सौम्या को आत्मविश्वास और प्रेरणा दी, बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी यह संदेश दिया कि बेटियां भी प्रशासनिक जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाने में सक्षम हैं। इस प्रयास के माध्यम से बालिकाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश दिया गया।
राजापुर क्षेत्र के नागरिकों ने सौम्या के इस कदम की सराहना की और उसे एक प्रेरणादायक उदाहरण माना। इस प्रकार की पहल से समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है और उनकी क्षमताओं को पहचानने का अवसर मिलता है।
इस अवसर के बाद सौम्या ने कहा, “यह मेरे लिए एक अद्वितीय अनुभव था। मैंने प्रशासनिक कामकाज को बहुत नजदीक से देखा और यह समझा कि जनता की समस्याओं को हल करने के लिए कितनी मेहनत और संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। मुझे इस अवसर के लिए आभारी हूं और आगे भी समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित हूं।”
सौम्या के इस अनुभव ने न केवल उसकी क्षमता को उजागर किया, बल्कि प्रशासनिक कार्यों के प्रति उसकी जागरूकता और समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत किया। इस पहल ने यह साबित कर दिया कि यदि मौका दिया जाए, तो युवा छात्राएं भी नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।