इजराइल-हमास युद्ध: राष्ट्रपति बाइडन की नई रणनीति, सैन्य मदद से समाधान और दबाव दोनों का प्रयास
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध पर एक नई रणनीति का संकेत दे रहे हैं। इस रणनीति के तहत वे इजराइल को दी जा रही अमेरिकी सैन्य सहायता का उपयोग न केवल समर्थन के रूप में, बल्कि दबाव बनाने के एक उपकरण के रूप में भी कर रहे हैं। इसका मकसद ईरान और उसके समर्थित उग्रवादी समूहों के साथ इजराइल के बढ़ते संघर्ष को काबू में रखना है।
बाइडन का यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका का 2024 राष्ट्रपति चुनाव निकट है, और उनका प्रशासन इजराइल की नीतियों पर अधिक प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इस कदम से क्या उनके लक्ष्य पूरे होंगे, जैसे क्षेत्रीय संघर्ष को रोकना और गाजा में बिगड़ते हालात को सुधारना, यह अब भी स्पष्ट नहीं है।
सैन्य सहयोग: समर्थन के साथ दबाव
बाइडन ने स्पष्ट किया है कि इजराइल को अमेरिका का मजबूत समर्थन जारी रहेगा, लेकिन इसके साथ ही वह यह भी चाहते हैं कि इजराइल गाजा में मानवीय सहायता और राहत कार्यों में तेजी लाए। गाजा में बिगड़ते हालात और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं के बीच, बाइडन इजराइल पर इन मुद्दों को प्राथमिकता देने का दबाव डाल रहे हैं।
वहीं, ईरान से जुड़े मुद्दों पर भी बाइडन की यह रणनीति महत्वपूर्ण है। ईरान समर्थित उग्रवादी समूहों द्वारा इजराइल पर बढ़ते हमले और क्षेत्र में तनाव की बढ़ती घटनाओं ने अमेरिका के लिए स्थिति को जटिल बना दिया है। ऐसे में, बाइडन प्रशासन इजराइल के साथ अपने मजबूत सैन्य संबंधों का इस्तेमाल कर, उसे इस संघर्ष को और फैलने से रोकने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा है।
चुनावी वर्ष में चुनौतीपूर्ण कूटनीति
चूंकि यह बाइडन के लिए एक चुनावी वर्ष है, उनकी यह कूटनीतिक पहल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके नेतृत्व की परीक्षा मानी जा रही है। राष्ट्रपति पद की दौड़ के साथ-साथ मध्य पूर्व में हालात को संभालने की यह चुनौती बाइडन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
अब यह देखना होगा कि बाइडन की यह रणनीति कितनी सफल होती है और क्या वह इजराइल और ईरान के बीच के इस टकराव को शांति की दिशा में ले जाने में सफल हो पाते हैं।
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